
MICHAEL MOSLEY has wowed the public, helping those who put on weight during lockdown. Obesity is linked to a greater risk of the coronavirus.
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देश में हर चार में से एक कोरोना से संक्रमित है। यह आंकड़ा देशभर में 2 लाख 27 हजार एंटीबॉडी टेस्ट करने के बाद जारी किया गया है। एंटीबॉडी टेस्ट कराने वाली कम्पनी थायरोकेयर के मुताबिक, महामारी की स्थिति सरकारी आंकड़ों से ज्यादा भयावह है। पिछले 7 हफ्तों में देश के 600 शहरों में हुए एंटीबॉडी टेस्ट की सर्वे रिपोर्ट कहती है, अगर कोरोना के मामले ऐसे ही बढ़ते रहे तो देश में एंटीबॉडी का स्तर दिसम्बर और बढ़ सकता है।
#1) लोगों में एंटीबॉडी मिलने के क्या मायने हैं?
थायरोकेयर टेक्नोलॉजीज के फाउंडर डॉ. ए वेलुमणि ने कहा, हमारी कम्पनी ने देशभर में एंटीबॉडी टेस्ट कराएं हैं। रिपोर्ट में सामने आया है कि देश में औसतन 26 फीसदी लोगों में एंटीबॉडी विकसित हुई है। एंटीबॉडी मिलना बताता है कि ये लोग कोरोना से संक्रमित हुए थे।
#2) किस उम्र वर्ग में एंटीबॉडी ज्यादा मिली?
डॉ. वेलुमणि के मुताबिक, हमने लोगों में जितनी एंटीबॉडी होने की उम्मीद की थी, इसका स्तर उससे ज्यादा मिला है। सभी उम्र के लोगों में एंटीबॉडी का स्तर एक जैसा मिला है, इसमें बच्चे भी शामिल हैं।
#3) किस उम्र वर्ग में एंटीबॉडी ज्यादा मिली?
थायरोकेयर का सर्वे सरकारी आंकड़ों के मिलता जुलता है। जैसे मुम्बई के स्लम एरियाज में 57 फीसदी आबादी कोरोनावायरस से जूझ चुकी है। देश में कोरोना का ग्राफ यूं ही बढ़ता रहा तो दिसंबर से पहले लोगों में एंटीबॉडी का स्तर 26 फीसदी से बढ़कर 40 फीसदी हो जाएगा।
#4) क्या होती है एंटीबॉडी?
ये प्रोटीन से बनीं खास तरह की इम्यून कोशिकाएं होती हैं जिसे बी-लिम्फोसाइट कहते हैं। जब भी शरीर में कोई बाहरी चीज (फॉरेन बॉडीज) पहुंचती है तो ये अलर्ट हो जाती हैं। बैक्टीरिया या वायरस के विषैले पदार्थों को निष्क्रिय करने का काम यही एंटीबॉडीज करती हैं। इस तरह ये शरीर को प्रतिरक्षा देकर हर तरह के रोगाणुओं के असर को बेअसर करती हैं।
#5) क्या होता है एंटीबॉडी टेस्ट?
जब आप किसी वायरस के संपर्क में आते हैं तो आपका शरीर ब्लड और टिश्यू में रहने वाली एंटीबॉडीज बनाने लगता है। ये एंटीबॉडीज प्रोटीन होते हैं, जो वायरस को शरीर में फैलने से रोकते हैं। टेस्ट के जरिए यह पता लगाया जाता है कि शरीर इन्हें बना रहा है या नहीं। अगर यह मौजूद हैं तो यह आशंका बढ़ जाती है कि आप कोविड-19 के संपर्क में आ चुके हैं।
#6) यह टेस्ट कैसे काम करता है?
माउंट सिनाई हेल्थ सिस्टम के क्लीनिकल लैबोरेट्रीज और ट्रांसफ्यूजन सर्विसेज के डायरेक्टर डॉक्टर जैफरी झांग बताते हैं कि आमतौर पर एंटीबॉडीज बनने में एक हफ्ते से 14 दिन तक का समय लेती हैं। इनका स्तर इम्यून सिस्टम और संपर्क में आने के समय पर निर्भर करता है। हालांकि कम एंटीबॉडीज होने का यह मतलब भी नहीं है कि आप संक्रमित नहीं हैं। यह एक आम ब्ल्ड टेस्ट की तरह ही होता है।