Thursday, October 1, 2020

Prince Harry heartbreak: Duke shows 'confusion over where home is' in address to UK



PRINCE HARRY and Meghan Markle co-authored an article to mark the start of Britain's Black History Month. According to a language expert, the US-based Duke shows 'confusion over where home is' in the piece.

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सर्वाइकल के दर्द से हैं परेशान? इन एक्सरसाइज की मदद से जल्द पाएं छुटकारा

सर्वाइकल होना आज के समय में आम बात है. लेकिन ये दर्द काफी पीड़ादायक होता है. आज हम आपको कुछ आसान से टिप्स बता रहे. जिसे आप घर बैठे कर सकते हैं और इससे आपको जल्द इस दर्द में आराम भी मिलेगा.

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माइग्रेन से लेकर डिप्रेशन तक में असरदार तुलसी के पत्ते, बस ऐसे दूध के साथ करें सेवन

अगर किसी व्यक्ति को पथरी की समस्या है तो उसे नियमित रूप से खाली पेट तुलसी दूध पीना चाहिए. जानें कई और फायदे जो आपको हैरान कर देंगे.

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Most COVID cases spread by 'super spreaders'

While constant steps are being taken to control the pandemic, new studies have revealed that a big surge in the cases could be because of the presence of super-spreaders in the country.

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Inspiring quotes by Mahatma Gandhi

Remembering Mahatma Gandhi on his birth anniversary today, here are some of his quotes which will inspire you to lead a more meaningful life. Read on!

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Intermittent fasting can lead to muscle loss

Intermittent fasting has gained immense popularity over the past few years.

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Eat healthy with these easy recipes

Healthy ingredients in quick fix recipes will ensure that you eat right while working from home

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Booker Prize 2020 delayed, here's why!

To avoid two major literary events happening on the same day, the Booker Prize 2020 winner announcement has now been postponed by two days, to Nov 19.

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Check your ankles - do they look like this? Heart attack warning sign



HEART attack symptoms do not stop at chest pain and knowing the full extent could save your life. One telltale sign involves your ankles - what to look for.

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Advent calendars 2020: The best chocolate calendars for children this Christmas



ADVENT CALENDARS are the perfect way to count down the days to Christmas. Chocolate calendars are a classic and there is no shortage of offerings available this year.

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खुलकर मुस्कुराइए क्योंकि कोरोनाकाल में यही मुस्कान आपको तनाव और डिप्रेशन से बाहर निकालेगी, उम्र लम्बी भी करेगी

रिसर्च कहती है जब हम हंसते हैं तो चेहरे की मांसपेशियों में खिंचाव होता है। इसका असर मस्तिष्क तक होता है और हम खुश महसूस करते हैं। ऐसा होने पर दिमाग और ज्यादा मुस्कुराने को कहता है। यहीं से दिमाग की सेहत में सुधार होना शुरू होता है और इंसान खुद को काफी हल्का महसूस करता है।

कोरोना के दौर में ऑस्ट्रेलिया के वैज्ञानिकों ने भी मुस्कुराने की सलाह दी है। उनकी हालिया रिसर्च बताती है कि मुस्कुराने पर मस्तिष्क में पॉजिटिव विचार आते हैं जो बॉडी में एनर्जी लाने का काम करते हैं। रिसर्च में वैज्ञानिकों ने दावा किया है कि जब चेहरे की मांसपेशियों में खिंचाव होता है इमोशंस बदलते हैं। यह नकारात्मकता को खत्म करने का काम करते हैं।

आज वर्ल्ड स्माइल डे है, इस मौके पर जानिए चेहरे पर आती स्माइल आपकी जिंदगी में कितना बदलाव लाती है।

ब्लड प्रेशर, दर्द, तनाव घटाना है और इम्युनिटी को बढ़ाना है तो मुस्कुराइए
रिसर्च कहती हैं, मुस्कुराने पर शरीर में कॉर्टिसॉल और एंडॉर्फिन जैसे हार्मोन रिलीज होते हैं जो बढ़े हुए ब्लड प्रेशर को कंट्रोल करते हैं। शरीर में होने वाले दर्द को घटाते हैं। तनाव को कम करते हैं। रोगों से लड़ने वाले इम्यून सिस्टम को बूस्ट करते हैं और इम्युनिटी बढ़ते हैं। ब्लड प्रेशर कंट्रोल रहता है तो हार्ट डिसीज का खतरा घट जाता है।

अपनी उम्र से 7 साल ज्यादा जीते हैं
अमेरिका में महिलाओं की मुस्कान पर भी एक स्टडी गई है। रिसर्च में देखा सबसे ज्यादा नेचुरल और खुलकर हंसने पर क्या असर होता है। रिपोर्ट में सामने आया कि जिन महिलाओं ने चेहरे पर नेचुरल स्माइल रखी थी उनकी उम्र दूसरी महिलाओं के मुकाबले 7 साल तक बढ़ गई।

अमेरिकी शोधकर्ता और साइकोलॉजिस्ट डॉ. पाउला निएंडथल कहती हैं, एक बच्चा दिन में औसतन 400 बार हंसता है। दिनभर में एक एडल्ट 40 से 50 बार और 50 साल की उम्र के बाद इंसान 20 बार ही मुस्कुराता है।

अब बात वर्ल्ड स्माइल डे
मैसाच्युसेट्स के आर्टिस्ट हार्वे बॉल ने मुस्कुराने वाला दुनिया का सबसे चर्चित स्माइल फेस बनाया था। यह खुशहाली का सिम्बल बन गया। स्माइल फेस का कमर्शियलाइजेशन बढ़ने के कारण हार्वे बॉल ने एक दिन इसके नाम करने का फैसला लिया। इस तरह अक्टूबर का पहला शुक्रवार वर्ल्ड स्माइल डे के नाम हो गया।

पहली बार वर्ल्ड स्माइल डे 1999 में मनाया गया, इसके बाद से यह दिन लगातार हर साल सेलिब्रेट किया जा रहा है। 1999 में ही वर्ल्ड स्माइल फाउंडेशन की शुरुआत की गई जो बच्चों को मदद करता है और उनके चेहरे पर मुस्कान लाने का काम करता है।

कर्मचारियों के चेहरे पर मुस्कान लाने के लिए हार्वे बॉल

ऐसे तैयार हुया स्माइली फेस जो इतिहास में अमर हो गया
मैसाच्युसेट्स में एक इंश्योरेंस कम्पनी थी। जिसका नाम स्टेट म्यूचुअल लाइफ एश्योरेंस था। इस कम्पनी ने ओहियो की एक और इंश्योरेंस कम्पनी को खरीदा। इस मर्जर से कर्मचारी खुश नहीं थे। कर्मचारियों का मनोबल बढ़ाने के लिए स्टेट म्यूचुअल लाइफ एश्योरेंस कम्पनी ने 1963 में हार्वे बॉल की नियुक्ति बतौर फ्रीलांस आर्टिस्ट की।

हार्वे ने 10 मिनट में एक स्माइली फेस बनाया। जिसकी एक आंख छोटी थी। यह कर्मचारियों के चेहरे पर मुस्कान लगाया। इसके लिए हार्वे को उस दौर में 45 डॉलर मिले थे। जिसकी वैल्यू आज 3,300 रुपए है।

स्माइल इंसान का सबसे खूबसूरत हिस्सा
अमेरिका में हुए एक सर्वे में लोगों से इंसान के शरीर का सबसे आकर्षक हिस्से के बारे में पूछा गया। सर्वे में शामिल ज्यादातर लोगों का पहला जवाब था स्माइल। आंखें दूसरे पायदान पर थीं। 86 फीसदी महिलाओं का कहना था सुंदर मुस्कान और दांतों के लिए वे दिन में दो बार ब्रश करती हैं, जबकि 66 फीसदी पुरुष ही ऐसा कर पाते हैं।



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निमोनिया होने पर जल चिकित्सा और मिट्‌टी पट्‌टी से किया ठीक; एक मरणासन्न विदेशी लड़की का इलाज किया और बापू बोले- न मैं कोई जादूगर हूं न ही महात्मा

आज गांधी जयंती है। महात्मा गांधी 79 साल जिए। 29 बार में कुल 154 दिन अनशन किया, इनमें तीन बार 21-21 दिन के थे। 1921 में व्रत लिया आजादी मिलने तक हर सोमवार उपवास करूंगा, यानी कुल 1341 दिन उपवास किया। गांधीजी ने अपनी डाइट पर कई तरह के प्रयोग किए। नतीजा ये रहा है कि वे जीवनभर फिट रहे। यंग इंडिया और हरिजन समाचार पत्रों में गांधीजी ने अपनी डाइट पर किए गए प्रयोगों पर लिखा है। एनसीईआरटी की गांधी जी पर आधारित सहायक वाचन पुस्तक से जानिए बापू की जिद के 5 किस्से..

पहली जिद : इंसान में प्रकृति का समावेश, इलाज भी पंचतत्वों से

लेखक रामचंद्र गुहा ने अपने लेख 'द महात्मा ऑन मेडिसिन' में लिखा है कि 1920, 30, 40वें दशक तक गांधी बीमारी का इलाज प्राकृतिक तरीकों से करते थे। इसमें विशेष तौर पर प्राकृतिक चिकित्सा, आयुर्वेद और योग उनके जीवन का हिस्सा था। शरीर पांच तत्वों से मिलकर बना है तो इलाज का आधार भी यही होना चाहिए, यही उनकी सोच थी।

बीमारियों को दूर करने में वे हवा, आकाश, पानी, जल और मिट्टी का प्रयोग करते थे। एक बार उनका पुत्र मणिलाल विषम ज्वर से बीमार हो गया। निमोनिया की आशंका थी। तब उन्होंने पारसी डॉक्टर को बुलाया, जिसने अंडे और मांस का शोरबा खिलाने की सलाह दी। लेकिन बापू ने डॉक्टर की सलाह नहीं मानी। उन्होंने जल चिकित्सा और शरीर पर मिट्टी पट्टियां रखकर मणिलाल को स्वस्थ किया।

कुछ ऐसी घटनाएं भी हुईं जिनके कारण लोग आश्चर्य करने लगे और गांधी में विशेष परमात्मा की शक्ति है। एक मरणासन्न विदेशी लड़की का उन्होंने इलाज किया। जब वह स्वस्थ हो गई हो लोगों ने उन्हें जादूगर समझ लिया।राष्ट्रपिता ने लोगों को समझाया कि न मैं कोई जादूगर हूं न ही महात्मा। लड़की को मैंने एनीमा दिया है इससे उसके शरीर से विकार निकल गया और वह स्वस्थ हो गई। गांधी एनीमा, टब स्नान, मिट्टी की पट्टी, संतुलित भोजन और उपवास की मदद से लोगों की चिकित्सा करते थे।

बिच्छू के काटने के बाद शख्स का इलाज करते हुए वर्धा के सेवाग्राम आश्रम में बापू और डॉ. सुशीला नैय्यर। यह तस्वीर 1938 में ली गई थी।

दूसरी जिद : सेहत सुधारने और पैसों की बचत

बापू खानपान में काफी प्रयोग करते थे। जैसे बेकरी से ब्रेड लाने की बजाय घर में मैदे से ब्रेड तैयार करते थे। मैदा पीसने के लिए घर में हाथों से चलाई जाने वाली चक्की का प्रयोग किया जाता था।

उनका मानना था कि यह सेहत और आर्थिक स्थिति दोनों के लिए बेहतर था। गांधी खुद को फूडी कहते थे लेकिन जब उन्हें लगा कि खाने पर नियंत्रण रखने की जरूरत है तो उपवास शुरू किए। उनका मानना था कि जीवन के लिए दो बातें सबसे जरूरी हैं, खानपान में परहेज और उपवास।उनके दक्षिण अफ्रीका वाले टॉलस्टॉय आश्रम में झरना, दो कुएं और एक झोपड़ी थी। यहां शुद्ध हवा, जल, संतरे, खुबानी और बेर के पेड़ थे इसलिए उन्हें यह जगह प्राकृतिक चिकित्सा के लिए सबसे बेहतर लगी। हाथ से काम करने और खुली हवा में काम करने से आश्रमवासियों के चेहरे पर रौनक आ गई थी।

आश्रम के लोगों को किसी न किसी कारणवश जोहनेसबर्ग जाना पड़ता था इसलिए खर्च बचाने का नियम बनाया गया। इसलिए आश्रमवासी जाते समय घर से ही नाश्ता ले जाते थे। नाश्ते में हाथ से पीसे हुए चोकर और आटे की रोटी, मूंगफली का मक्खन और संतरों के छिलकों का मुरब्बा होता था।

बापू का ब्लड प्रेशर जांचने के लिए इस इक्विपमेंट का प्रयोग किया गया था, जिसका जिक्र इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च की किताब में भी किया गया है।

यह तस्वीर 17 जनवरी 1947 की है जब बापू बिड़ला हाउस में थे।

तीसरी जिद : रोजाना 12-15 किमी की पैदल यात्रा

छात्र जीवन में गांधीजी पैदल यात्रा करना पसंद करते थे। 1890 में लंदन में रोजाना शाम को 12 किलोमीटर पैदल चलते थे और सोने से पहले फिर 30-45 मिनट की वॉक करते थे। उनकी फिट बॉडी का श्रेय शाकाहारी भोजन और एक्सरसाइज को जाता है।

दक्षिण अफ्रीका में रहते हुए उन्होंने कहा था, खाना शरीर के लिए जरूरी है लेकिन एक्सरसाइज शरीर और दिमाग दोनों के लिए जरूरी है। भारत में आने पर सेवाग्राम में रहने के दौरान और आंदोलन में शामिल होने पर भी उनकी पैदल यात्रा कभी रुकी नहीं।सेवाग्राम में वे चार बजे खुली हवा में टलहने के लिए निकल जाते थे। बहुत से लोग और सवाल पूछने वाले भी उनके साथ हो लिया करते थे। लौटने के बाद वे तेल से मालिश कराते थे। नाश्ते में खजूर या किसी एक फल के साथ बकरी का दूध लेते थे। नाश्ते के बाद वे आश्रम में बीमार लोगों की सेवा करने पहुंच जाते थे।

वे प्राकृतिक चिकित्सा प्रणाली में विश्वास करते थे इसलिए मरीजों को भी भोजन में फल और जरूरत पड़ने पर उपवास कराते थे। कुष्ट रोगियों की सेवा करने में उन्हें खास आनंद मिलता था। सेवाग्राम में एक बार ऐसे सज्जन भी आए जो बिना आग पर पका भोजन खाते थे। गांधी ने इसे अपने जीवन में भी लागू किया।

काफी समय तक अंकुरित अन्न उनके खानपान का हिस्सा रहा। लेकिन उन्हें पेचिश की शिकायत होने लगी। कई बार नीम की कई पत्तियां खाने के कारण उन्हें चक्कर आने लगे थे। कई प्रयोगों के बाद वह घर की चक्की में पिसे चोकर वाले आटे की डबलरोटी के कुछ टुकड़े, खजूर, अंगूर, गेहूं की रोटी, शहद, मौसम्मी, नींबू, मेवे और बकरी का दूध भोजन और नाश्ते में शामिल किया था।

माइक्रोस्कोप से हुकवर्म को देखते गांधी जी। यह तस्वीर मई, 1944 की है, जिसे बॉम्बे के जुहू बीच के पास कैप्चर किया गया था।

चौथी जिद : उपवास से सेहत बिगड़ी लेकिन माने नहीं

बापू उपवास को शारीरिक सफाई का विकल्प मानते थे। एक समय ऐसा भी था जब महात्मा गांधी दूध और अनाज को छोड़कर सिर्फ फल और मेवे पर निर्भर रहने लगे। उनका मानना था सिर्फ मां का दूध छोड़कर इंसान को खानपान में दूध लेने की जरूरत नहीं है। गांधीजी इसके विकल्प के तौर पर अंगूर और बादाम खाने की वकालत करते थे।

उनका कहना था इनमें पर्याप्त मात्रा में पोषक तत्व होते हैं जो ऊत्तकों और तंत्रिकाओं के लिए जरूरी हैं। यही उनकी दिनचर्या का हिस्सा था लेकिन गुजरात के खेड़ा में एक अभियान के दौरान वह गंभीर बीमार हुए, कारण था खानपान में अधिक प्रयोग करना। उन्होंने डॉक्टर, वैद्य और वैज्ञानिकों से दूध का विकल्प ढूंढने की गुजारिश की।

महात्मा गांधी के एक लेख में इसका बात जिक्र भी है कि उन्होंने गाय या भैंस का दूध न पीने का प्रण लिया था लेकिन गिरते स्वास्थ्य के कारण उन्होंने बाद में बकरी का दूध पीना शुरू किया। इसके बाद भी उन्होंने उपवास रखने का सिलसिला जारी रखा।

राष्ट्रपिता की यह तस्वीर 18 फरवरी, 1908 को ली गई थी, जब वह दक्षिण अफ्रीका के डरबन में थे। तस्वीर उनकी बायोग्राफी लिखने वाले जेजे डोक के घर की है।

पांचवी जिद : डॉक्टर न बन सके तो नेचुरोपैथ बने

गांधीजी को सेहत से इतना ज्यादा लगाव था कि वह 18 साल की उम्र में दवाओं की स्टडी करने इंग्लैंड जाना चाहते थे लेकिन पिता ने इसकी अनुमति नहीं दी। वे चाहते थे बेटा बैरिस्टर बने। वे कहते थे कि बीमारी इंसान के पापों का नतीजा होती है, जो पाप करता है उसे भुगतना पड़ता है।

तर्क था अगर आप जरूरत से ज्यादा खाएंगे तो अपच होगा। इसके इलाज के तौर पर उसे व्रत रखना पड़ेगा जो उसे याद दिलाएगा कि कभी जरूरत से ज्यादा नहीं खाना है। राजकोट में कुछ महीने वकालत करने के बाद मुंबई आ गए यहां भी वकालत करने लगे। इस दौरान भी बीमारियों की चिकित्सा अपने ढ़ंग से करते थे। उन्हें प्राकृतिक चिकित्सा पद्धति पर विश्वास था।

अफ्रीका में उन्होंने कई बीमारियों का इलाज किया था। इंग्लैंड में महात्मा गांधी पसली के दर्द से भी जूझे। उस समय वे मूंगफली, कच्चे और पके केले, नींबू, जैतून का तेल, टमाटर और अंगूर का सेवन कर रहे थे। दूध और अनाज बिल्कुल नहीं ले रहे थे।डॉक्टरों और गुरु गोखले जी के कहने पर अनाज खाने की बात नहीं मानी। फलाहार से धीरे-धीरे उनका स्वास्थ्य सुधरने लगा। डॉक्टरों ने छाती पर जो पट्टी बांधी दी उसे भी उतार फेंका। डॉक्टरी चिकित्सा पर उन्हें बिल्कुल भी विश्वास नहीं था।



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राजकुमारी अमृतकौर के साथ भोजन करते हुए बापू, यह तस्वीर 1931 में ली गई थी।


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सुबह 4 बजे उठते थे बापू, रोजाना 5 किमी. की सैर के बाद अनाज पीसते थे और सब्जियां काटते थे; जानिए जीवनभर फिट रहने वाले गांधीजी की दिनचर्या

महात्मा गांधी सिर्फ पेशे से कानून की वकालत करते थे, पर असल जिंदगी में वे सेहतमंद दिनचर्या के वकील थे। उनकी बहस का अक्सर विषय रहता था- कैसे खुद को स्वस्थ रखें? उनके कुदरती तर्कों में दूध से दूरी और फल-मेवे खाने की सलाह शामिल रहती थी। एलोपैथी और दूसरी पद्धतियों से विरोध नहीं था, लेकिन इनके अधिक पक्ष में भी नहीं थे।

बापू का मानना था, बीमारी इंसान की गलत आदतों का नतीजा होती है, और जो गलती करता है उसे भुगतना पड़ता है। तर्क था कि अगर आप जरूरत से ज्यादा खाएंगे तो अपच होगा। इसके इलाज के लिए उपवास करना पड़ेगा जो उसे याद दिलाएगा कि कभी जरूरत से ज्यादा नहीं खाना है। वे ज्यादातर समस्याओं का इलाज नेचुरोपैथी से करना पसंद करते थे। उनकी अनुशासित जीवनशैली ने उन्हें जीवट संघर्ष और अत्याचारों के बीच फिट बनाए रखा और खानपान में किए प्रयोगों ने पीढ़ियों को नई दिशा दी। राष्ट्रपिता की जयंती पर दैनिक भास्कर ऐप ने जाना कैसी थी बापू की 17 घंटे की दिनचर्या और विशेषज्ञों के मुताबिक उनके मायने क्या हैं?

इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल की किताब गांधी एंड हेल्थ @ 150 और नेचुरोपैथी एक्सपर्ट डॉ. किरण गुप्ता के ज्ञान और अनुभव से उनकी दिनचर्या पर एक रिपोर्ट-

17 घंटे की दिनचर्या: 4 बजे उठना और रात 9 बजे तक सो जाना

  • सुबह 4 बजे : बिस्तर से उठ खड़े होते थे बापू

एक्सपर्ट व्यू :नेचुरोपैथी और आहार विशेषज्ञ डॉ. किरण गुप्ता के मुताबिक, सुबह 4 बजे वातावरण में ऑक्सीजन शुद्ध होती है। जब ये शरीर में पहुंचती है तो ऊर्जा का संचार होता है और हीमोग्लोबिन बढ़ता है। थकावट नहीं महसूस होती है। डिप्रेशन, अस्थमा जैसे रोग पास नहीं आते। यही बापू की खासियत थी। वह ऊर्जावान थे, थकते नहीं थे और उनका व्यक्तित्व सकारात्मक बना रहता था।

  • सुबह 4.20 बजे : सुबह की प्रार्थना, पत्राचार का काम

एक्सपर्ट व्यू : सुबह की प्रार्थना से मन को शांति मिलती है और यह आपके व्यवहार में भी दिखता है। मन जितना शांत होगा शब्द उतने ही प्रखर होंगे। बापू के पत्राचार की लेखनी में मौजूद हर शब्द के गहरे मायने होते थे।

जून-1945 को बॉम्बे के बिड़ला हाउस में अपना वजन कराते बापू।
  • सुबह 7.00 बजे : 5 किमी की सैर के बाद नाश्ता। आश्रम, बर्तन, शौचालय की सफाई। अनाज पीसना और सब्जियां काटना

एक्सपर्ट व्यू :सुबह की पैदल यात्रा शरीर और दिमाग दोनों सक्रिय करती है क्योंकि शरीर में ऑक्सीजन का स्तर बढ़ता है। थकावट खत्म होती है और शरीर में ताजगी का अनुभव होता है। बापू को सुबह आश्रम में सफाई से लेकर सब्जियों को काटने की आदत थी जो उन्हें शारीरिक रूप से सक्रिय और फिट रखती थी।

  • सुबह 8.30 बजे : विशिष्ट लोगों से मुलाकात, लेखन कार्य या फिर पढ़ना

एक्सपर्ट व्यू : लोगों से मुलाकात, समस्याओं पर चिंतन और लिखने-पढ़ने का काम उनके दिमाग को सक्रिय रखता था। ऐसी छोटी-छोटी आदतें उनके व्यक्तित्व में दिन-प्रतिदिन निखार लाने का काम करती थीं।

  • सुबह 9.30 बजे : धूप में तेल से मसाज और स्नान

एक्सपर्ट व्यू : शरीर में कैल्शियम एब्जॉर्ब होने के लिए विटामिन-डी का होना जरूरी है। बापू हड्डियों को मजबूत बनाने के लिए सुबह की धूप में तेल से मसाज कराते थे क्योंकि इससे विटामिन-डी मिलता था। वर्धा के सेवाग्राम की वो जगह जहां बापू सन बाथ लेते थे और मालिश कराते थे।

28 अक्टूबर, 1937 को ली गई गई गांधी जी की ईसीजी रिपोर्ट।
  • सुबह 11.00 बजे : दोपहर का खाना

एक्सपर्ट व्यू :नेचुरोपैथी में सूर्य की तीव्रता के मुताबिक, भोजन लेने की सलाह दी जाती है जैसे सुबह नाश्ते में कम खाना और दोपहर में पेटभर खाना लेना। 11 बजे खाना खाने से पाचनतंत्र मजबूत होता है, क्योंकि भोजन को पचने के लिए पर्याप्त समय मिल पाता है।

  • दोपहर 1 बजे : आम लोगों से मिलने का समय

एक्सपर्ट व्यू :दिनभर का एक लंबा समय वह लोगों से मिलने और बात करने में बिताते थे, संभवत: इसीलिए उन्होंने खाने का समय सुबह 11 बजे चुना।

  • 4.30 बजे : चरखा कातना

एक्सपर्ट व्यू :चरखा कातना उनके डेली रूटीन का हिस्सा था जो यह बताता है कि जीवन में नियम और परहेज के साथ अनुशासन का होना जरूरी है।

  • 5.00 बजे : शाम का नाश्ता

​​​​​​​एक्सपर्ट व्यू : लगातार लोगों से जुड़ने और उनसे संवाद के बाद ऊर्जा बनाए रखने के लिए वे शाम के नाश्ते में ज्यादातर फल और मेवा शामिल करते थे।

सेवाग्राम को वो हिस्सा जहां बापू धूप में बैठने के लिए आते थे।
  • 06.00 बजे : शाम की प्रार्थना और भाषण

एक्सपर्ट व्यू :प्रार्थना भी मानसिक ऊर्जा का स्रोत होती है। वह एक ओजस्वी वक्ता थे और उनके भाषण को लोग संजीदगी से सुनते थे।

  • 06.30 बजे : शाम की सैर

​​​​​​​एक्सपर्ट व्यू :दिनभर के काम निपटाने के बाद बापू जैसी शाम की चहलकदमी थकान दूर करने और ऊर्जा भरने का काम करती है।

  • 9.00 बजे : सोने की तैयारी

एक्सपर्ट व्यू : राष्ट्रपिता की दिनचर्या आदर्श है। नेचुरोपैथी और आयुर्वेद में भी सुबह जल्द उठने और सोने को बेहतर जीवनशैली का हिस्सा बताया है। वह अक्सर हफ्तेभर के अपने अधूरों कामों को सोमवार तक पूरा कर लेते थे।



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Secret of Mahatma Gandhi fitness one day routine of bapu


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Unemployed Stage Actors to Face New Health Insurance Hurdle

The fund that covers thousands of performers will require that they work more weeks per year to qualify.

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Renée C. Fox, Founding Figure of Medical Sociology, Dies at 92

She is credited with helping to create the field of bioethics and applying the methods of sociology to medical care.

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M&S launch Christmas food range including a festive Colin the Caterpillar cake



Marks and Spencer has launched its Christmas food range which includes a festive Colin the Caterpillar cake. What else can you expect from the retailers range this year?

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Nando's secret menu item - shock hidden side sounds absolutely delicious



NANDO'S has a secret menu item that has come to light. The loaded chips from the chain's so-called "secret menu" has come to light in Australia.

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प्रेगनेंसी के दौरान महिलाओं को आती है पैरों में सूजन, जानें कारण और बचाव

हर महिला के जीवन में एक पल ऐसा जरूर आता है जब वो मां बनने वाली होती है. जो उसके जीवन का सबसे सुखद पल होता है. लेकिन जब वह गर्भ से होती है तो कई समस्या से गुजरना भी पड़ता है. क्योंकि इस समय आपका शरीर पहले की तरह नहीं होता है.

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कमाल का ड्राई फ्रूट है चिरौंजी, शरीर की कमजोरी करता है दूर

मीठी चीजों में खासतौर पर इस्तेमाल होने वाली चिरौंजी (chironji) में कई ऐसे पोषक तत्व पाए जाते हैं जो स्वास्थ्य के लिए बहुत फायदेमंद होते हैं. चिरौंजी में प्रोटीन (protien) की पर्याप्त मात्रा पाई जाती है. इसके अलावा इसमें विटामिन सी (vitamin- c) और बी भी पर्याप्त मात्रा में होता है.

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TSB Bank closures: 164 branches closing across the UK - full list



TSB Bank closures are sweeping across the UK. There will be only 290 branches lest after 164 close.

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100 general knowledge quiz questions and answers: Test YOUR knowledge



ONLINE quiz nights became an important part of life for Britons to pass time during lockdown and catch up with family and friends, and although pubs have now reopened, there's still scope for a virtual trivia. Express.co.uk gives you 100 general knowledge questions with answers for your virtual home pub quiz this week.

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Coronavirus UK: Key symptom to look for in frail over 65s - it's not a new cough or fever



CORONAVIRUS cases appear to be dropping slightly in England but this should not call for complacency. New research has identified the most common symptom in vulnerable over 65s.

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Food recall: Tesco, Aldi, Lidl, Asda and Morrisons latest food warnings



FOOD recalls have been issued by major supermarkets including Tesco, Aldi, Lidl, Asda and Morrisons amid safety concerns.

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