from LifeStyle - Latest Lifestyle News, Hot Trends, Celebrity Styles & Events https://ift.tt/3jTvlTm
https://ift.tt/3k0wyID
काला पीलिया की दवा लेने वाले मरीजों में कोरोना का संक्रमण नहीं हुआ। दुनियाभर के कई देशों में भी काला पीलिया यानी हेपेटाइटिस की दवा कोरोना से बचाव करने में मददगार साबित हुई है। यह दावा PGIMS रोहतक की रिसर्च में किया गया है। यहां के गैस्ट्रोएंट्रोलॉजी विभाग और नेशनल वायरल हेपेटाइटिस सेंट्रल प्रोग्राम के मॉडल ट्रीटमेंट सेंटर में डेढ़ हजार मरीजों पर रिसर्च की गई।
5 माह तक मरीजों की हुई मॉनिटरिंग
गैस्ट्रोएंट्रोलॉजी विभाग के हेड और सीनियर प्रोफेसर डॉ. प्रवीण मल्होत्रा ने दावा किया कि काला पीलिया की दवा कोविड-19 में कारगर हैं। 5 माह तक हेपेटाइटिस बी व सी का इलाज कराने वालों में डेढ़ हजार मरीजों को चिह्नित करके मार्च से जुलाई माह तक उनकी हेल्थ मॉनिटरिंग की गई।
रिसर्च में शामिल डेढ़ हजार मरीजों ने नहीं दिखे लक्षण
शोधकर्ताओं के मुताबिक, रिसर्च में पाया गया कि काला पीलिया की दवा लेने वाले डेढ़ हजार मरीजों को कोरोना से मिलते जुलते लक्षण नहीं आए और न ही कोरोना संक्रमित हुए। डॉ. प्रवीण मल्होत्रा के मुताबिक, स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से अगर इसका बड़े स्तर पर ट्रायल किया जाता है तो सकारात्मक परिणाम सामने आएंगे।
ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया को भेजा गया प्रपोजल
काला पीलिया में लेडिपसविर और डसाबूविर के साथ सोफासबूबिर का कॉम्बिनेशन दिया जाता है। शोधकर्ताओं के मुताबिक, कोरोना के मरीजों का इलाज करने के लिए यह कॉम्बिनेशन रेमेडेसिविर से ज्यादा बेहतर है। कोरोना के मरीजों पर इसका ट्रायल करने की तैयारी की जा रही है।
PGIMS रोहतक, इंटॉक्स प्राइवेट लिमिटेड और काउंसिल फॉर साइंटिफिक एंड इंस्ट्रियल रिसर्च नेशनल केमिकल लेबारेट्री के साथ मिलकर बड़े स्तर पर ट्रायल करेगा। इसके लिए ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (DCGI) को प्रपोजल भेजा गया है।
विश्व स्वास्थ्य संगठन ने मंगलवार को एक और चेतावनी दी। डब्ल्यूएचओ की प्रवक्ता मार्गेरेट हैरिस कोरोनावायरस के ट्रांसमिशन पर सवालों का जवाब देते हुए कहा, यह महामारी सीजनल बीमारी नहीं बल्कि एक बड़ी लहर है। लोग अभी तक इसे एक सीजनल बीमारी मान रहे हैं। कोरोना नई तरह का वायरस है यह इंफ्लुएंजा की तरह बर्ताव नहीं करता है जो सिर्फ खास मौसम में होता है। नया कोरोना अलग तरह से बिहैव करता है।
महामारी बड़ी लहर बनने जा रही
मार्गेरेट हैरिस ने जेनेवा में वर्चुअल कॉन्फ्रेंस के दौरान कहा, बड़े पैमाने पर भीड़-भाड़ वाले समारोह में यह धीमी गति से फैल रहा है, इससे रोकने के साथ अलर्ट होना जरूरी है। महामारी एक बड़ी लहर बनने जा रही है। जिसका ग्राफ बढ़ेगा-घटेगा, बेहतर होगा कि इसे सपाट करने के प्रयास करें।
फ्लू की वैक्सीन लगवाने की सलाह
मार्गेरेट हैरिस के मुताबिक, कोरोना का वायरस हर मौसम में सक्रिय रहता है। दक्षिणी गोलार्ध में कोरोना के साथ सीजनल इंफ्लुएंजा के मामलों का बढ़ना एक संयोग मात्र है। डब्ल्यूएचओ इस पर लगातार नजर रखे हुए है। अब तक लैब में आए सैम्पल में फ्लू के अधिक मामले सामने नहीं आए हैं। अगर आप पहले ही सांस से जुड़ी कोई बीमारी से जूझ रहे हैं तो संक्रमण होने पर हालत और नाजुक हो सकती है। ऐसे में हम आग्रह कर रहे हैं कि लोग फ्लू की वैक्सीन को लगवाएं।