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अमेरिकी शोधकर्ताओं ने लैब में जेनेटिकली बदलाव करके सिर्फ प्रोटीन से ऐसा वायरस बनाया है जो कोरोना की तरह दिखता है। यह काफी हल्का है और कोरोना की महामारी नहीं फैलाता। यह वायरस इंसानों में कोरोना से लड़ने के लिए एंटीबॉडीजपैदा करेगा। इस वायरस का इस्तेमाल दुनियाभर में दवाओं और वैक्सीन की टेस्टिंग के लिए होगा।
वायरस का नाम VSV (वेसिकुलर स्टोमेटाइटिस वायरस) रखा गया है। इसे वॉशिंगटन यूनिवर्सिटी स्कूल ऑफ मेडिसिन ने तैयार किया है। शोधकर्ताओं के मुतबिक,यह वायरस स्वस्थ कोशिकाओं को संक्रमित करता है तो शरीर में बनने वाली एंटीबॉडी इसे टारगेट करती है, ठीक वैसे ही जैसे कोरोना के मामले में होता है। इस तरह शरीर में एंटीबॉडीज को कोरोना से लड़ने के तैयार करने की कोशिश हो रही है।
ऐसे इसे कोरोना की तरह इसे बनाया
शोधकर्ताओं को रिसर्च के लिए दिया गया यह वायरस
शोधकर्ताओं के मुताबिक, कोरोनावायरस ऐरोसॉल के जरिए भी फैल रहा है, ये बारीक कण काफी खतरनाक साबित हो सकते हैं। इससे बचने के लिए बचाव बेहद जरूरी है। शोधकर्ता सिएन वेलन के मुताबिक, हमने इस वायरस को रिसर्च में इस्तेमाल करने के लिए अर्जेंटीना, मेक्सिको, ब्रालीज, कनाडा में भेजा है और अमेरिका में पहले ही हमारे पास है।
3 से 5 दिन तक दिखते हैं माइल्ड लक्षण
शोधकर्ताओं के मुताबिक, कोरोनावायरस जैसा जो मॉडल हमने तैयार किया है, यह इंसान को नुकसान नहीं पहुंचाता। इसे जेनेटिकली बदला गया है। ऐसे वायरस मवेशी, सुअर और घोड़ों में होते हैं। यह इंसान को बमुश्किल संक्रमित करता है। अगर संक्रमण होता भी है तो फ्लू के हल्के लक्षण 3 से 5 दिन तक दिखते हैं।