Saturday, October 3, 2020

Inside William's relationship with his boys George and Louis: 'Counting up Daddy points'



PRINCE WILLIAM, 38, is an heir to the British Throne. The Duke of Cambridge will inherit the throne after his father, Prince Charles, 71, who will take to the throne after the death of Queen Elizabeth II, 94.

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Breast cancer symptoms: Yes, men can get it too - here are the signs to look out for



BREAST cancer isn't only a woman's problem, men can get it too. Here, consultant breast surgeon Lester Barr talks to Express Health about the deadly disease.

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Chocolate advent calendar 2020: Best calendars for adults including Lindt & Hotel Chocolat



CHRISTMAS is just around the corner and many Britons will already be thinking about preparing for the big day. Chocolate advent calendars aren't just for children, and there are plenty of products being released this year for adults to tuck into.

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For Trump, the Only Medical News Is Good Medical News

Conflicting accounts of the president’s condition underline the fact that the public does not have a definitive answer about the president’s health.

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कोरोना पॉजिटिव ट्रम्प को चूहे और इंसान की एंटीबॉडी से तैयार दवा दी गई, यह दूसरे मरीजों के लिए उपलब्ध नहीं; दावा- 6 हफ्तों तक वायरस से सुरक्षित रखती है

कोरोना पॉजिटिव होने के बाद अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प को मेरीलैंड के वॉल्टर रीड हॉस्पिटल में एडमिट कराया गया है। उन्हें हल्का बुखार, सर्दी और सांस लेने में कुछ परेशानी बताई गई है। डॉक्टर्स ट्रम्प का इलाज ऐसी एंटीबॉडी ड्रग से कर रहे हैं जो फिलहाल दूसरे कोरोना मरीजों के लिए उपलब्ध नहीं है। यह एंटीबॉडी कॉकटेल ड्रग है। इसका नाम REGN-COV2 है। ट्रम्प को इस दवा के 8 ग्राम का एक डोज दिया गया है।

ट्रम्प के ट्रीटमेंट से जुड़ी 4 खास बातें

1. अमेरिकी कम्पनी ने तैयार की दवा REGN-COV2
REGN-COV2 दवा को अमेरिकी कम्पनी रीजेनेरन ने तैयार किया है। जिसका ट्रायल लंदन में चल रहा है। कम्पनी का दावा है कि ट्रायल के रिजल्ट बेहतर दिख रहे हैं। इस दवा में चूहे और कोरोना से रिकवर हुए मरीज की एंटीबॉडी का इस्तेमाल किया गया है। कम्पनी का दावा है, दोनों एंटीबॉडी मिलकर कोरोना को न्यूट्रिलाइज करने में मदद करेंगी। यह दवा कितनी असरदार है, आधिकारिक तौर पर इसकी ट्रायल रिपोर्ट आनी बाकी है।

2. एंटीबॉडी ड्रग पर सवाल भी उठे
डेलीमेल की रिपोर्ट के मुताबिक, जिन दो मरीजों का ट्रीटमेंट इस एंटीबॉडी ड्रग से हुआ है, उनमें साइडइफेक्ट दिखे हैं। लेकिन, अमेरिकी कम्पनी रीजेनेरन ने यह जानकारी सार्वजनिक नहीं की। दोनों ही मरीजों को इस दवा की लो डोज दी गई थी। ट्रम्प के फिजिशियन डॉ. सिएन कॉन्ले के आधिकारिक बयान के मुताबिक, ट्रीटमेंट के दौरान ट्रम्प को 8 ग्राम REGN-COV2 दवा की सिंगल डोज दी गई है।

3. ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर का दावा, दवा सुरक्षित है
ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर पीटर हॉर्बी का कहना है, यह ड्रग सुरक्षित है। इसकी एक डोज से मरीज को 6 हफ्तों तक की सुरक्षा मिल जाती है। यह एक तरह से आर्टिफिशियल एंटीबॉडी है। जिनमें दो तरह की एंटीबॉडीज हैं। इसका काम कोरोना को इंसान में घुसने से रोकना है और संख्या बढ़ाने पर भी रोक लगाना है। यह वायरस को खत्म करने में इम्यून सिस्टम की मदद करती है।

प्रो. पीटर के मुताबिक, ट्रायल में यह ड्रग कोरोना के हल्के और गंभीर लक्षण वाले करीब 500 मरीजों को दिया गया है। अभी तक सुरक्षा को लेकर कोई भी दिक्कत सामने नहीं आई हैं। यह काफी असरदार दवा है और लैब में इसकी पुष्टि भी हुई है।

4. ट्रीटमेंट में शामिल की गईं 6 अन्य दवाएं क्या करती है, इसे समझिए
इसके अलावा ट्रम्प को ट्रीटमेंट में रेमडेसेविर, जिंक, विटामिन-डी, फेमोटिडिन, मेलाटोनिन और एस्प्रिन दी जा रही है। डॉक्टर्स को उम्मीद है, दवाओं का कॉम्बिनेशन उनकी रिकवरी को तेज करेगा। लेकिन ये सभी दवाएं क्या काम करती हैं, इसे समझिए-

  • रेमडेसेविर : यह एंटी-वायरल ड्रग है, जिसे इबोला का ट्रीटमेंट करने के लिए तैयार किया गया था। महामारी की शुरुआत से ही इसे कोरोना के मरीजों को दिया जा रहा है। यह ड्रग शरीर में मेर्स, इबोला और कोरोनावायरस की संख्या बढ़ने से रोकता है।
  • जिंक : यह ऐसे मरीजों को दी जाती है जिनके गले में समस्या होती है। कोरोना के मामलों में जिंक कितना कारगर, इस पर रिसर्च जारी है। एक्सपर्ट का कहना है, यह नुकसान नहीं पहुंचाता, इसलिए कोरोना के मरीजों को दिया जा सकता है।
  • विटामिन-डी : कई रिसर्च में यह साबित हो चुका है कि विटामिन-डी की कमी होने पर संक्रमण का खतरा बढ़ता है। ब्रिटेन के हेल्थ सेक्रेटरी का कहना है, विटामिन-डी के सप्लिमेंट्स सुरक्षित और किफायती हैं, इसे लिए जा सकते हैं।
  • फेमोटिडिन : यह ड्रग पेप्सिड के नाम से बाजार में मिलता है। सीने में जलन होने पर इसे मरीज को दिया जाता है। न्यूयॉर्क में कोरोना के मरीजों पर इसका ट्रायल चल रहा है। शुरुआती दौर के ट्रायल में यह दवा मददगार साबित हुई है।
  • मेलाटोनिन : यह दवा नींद न आने पर मरीजों को दी जाती है। टेक्सास के डॉक्टर्स का कहना है, कोरोना के 400 मरीजों को यह दवा दी गई। उनमें से कुछ ही मरीजों की हालत नाजुक हुई। साउथ फ्लोरिडा यूनिवर्सिटी में इस दवा पर रिसर्च चल रहा है। लेकिन, अब तक कोई सटीक परिणाम सामने नहीं आए हैं।
  • एस्प्रिन : यह जानी-मानी पेनकिलर दवा है जो शरीर में वायरस को उसकी संख्या बढ़ाने से रोकती है। विशेषज्ञों का कहना है, यह दवा कोरोना के मामले को गंभीर होने से रोकने में मदद करती है। इसके अलावा कोरोना के मरीजों में हृदय रोगों के कारण होने वाले कॉम्पलिकेशन को भी रोकती है।


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President donald trump coronavirus treatment given experimental antibodies from mice that are NOT available to the public and 6 other drug


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Daily horoscope for October 4: YOUR star sign reading, astrology and zodiac forecast



YOUR daily horoscope this Sunday sees the arrival of a Conjunction, Opposition, Sextile and a Trine in the skies - so how will these all affect your horoscope today?

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Mindy takes her beloved Ojo for the dreaded op



Our contrite columnist is left racked with guilt as poor Ojo goes into a record-breaking sulk after being totally stitched up

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Why Male Baboons Benefit From Female Friends

These male monkeys lived longer if they socialized with females, with or without benefits.

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Coronavirus: Would herd immunity ever work in Britain? Experts speak out



CORONAVIRUS is still dominating the conversation - restricting where people can go, who they can see and what they can do. As the world sits on the edge of their seat waiting for a vaccine, would herd immunity ever work?

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कोरोना से संक्रमण का सबसे ज्यादा खतरा बुजुर्गों को, खानपान में ये 5 बदलाव करके बढ़ती उम्र के असर को घटाया जा सकता है और बड़ी बीमारियों से बच सकते हैं

दुनिया भर में फैली कोरोना महामारी से बुजुर्ग सबसे ज्यादा प्रभावित हुए हैं। अमेरिकी संस्था सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन (सीडीसी) की 11 सितंबर को प्रकाशित रिपोर्ट के मुताबिक, अमेरिका में कोरोनावायरस के संक्रमण से मरने वाले हर 10 में 8 लोगों की उम्र 65 वर्ष से अधिक है। यानी 80% मौतें बुजुर्गों की हो रही हैं।

यूनाइडेट नेशन की मई 2020 में प्रकाशित रिपोर्ट कहती है, कोरोनावायरस से दुनिया भर में हो रही कुल मौतों में बुजुर्गों की मौत 5 गुना ज्यादा हो रही है। सीडीसी के अनुसार, जैसे-जैसे व्यक्ति की उम्र बढ़ती जाती है, उसके लिए संक्रमित होने के खतरे बढ़ते जाते हैं। इतना ही नहीं, लाइफस्टाइल डिजीज से भी प्रभावित होने के कारण उनके लिए सेहत से जुड़े खतरे ज्यादा होते हैं।

गोवा के सीनियर कंसल्टेंट इंटरनल मेडिसिन एंड जेरिएट्रिक मेडिसिन एक्सपर्ट डॉ. मिलिंद देसाई बता रहे हैं, बुजुर्ग खानपान में बदलाव करके कैसे बढ़ती उम्र के असर को कम कर सकते हैं।

बुजुर्गों को होने वाली बड़ी बीमारियां
बुजुर्गों में संक्रमण, हृदय रोग, डायबिटीज, क्रोनिक डिसीज जैसे कि किडनी, फेफड़ों से जुड़ी बीमारियां प्रमुख हैं, लेकिन इन्हें ये तीन समस्याएं अधिक होती हैं।

  • कमजोर याददाश्त: इसे अल्जाइमर्स कहते हैं। इसके अलावा डेलीरियम नामक बीमारी भ्रम पैदा करती है।
  • कमजोर हडि्डयां: हडि्डयों के कमजोर होने से उनके आसानी से टूटने, पॉश्चर में बदलाव, हडि्डयों के झुकने आदि की समस्याएं होती हैं। इससे जीवन की गुणवत्ता घटती है।
  • संक्रमण और डिप्रेशन: बुजुर्गों में संक्रमण सबसे आम है। उन्हें हृदय, किडनी रोग, गठिया आसानी से हो जाते हैं। बीमारियों और अक्षमताओं के चलते डिप्रेशन और मानसिक रोग हो जाते हैं।

इन 5 फूड को छोड़िए, एजिंग की रफ्तार घटेगी
1. तेज आंच में बना खाना
अधिक तेज आंच में खाना बनाने से बचें। तेज आंच में तेज आंच में तेल खासकर, सूरजमुखी का तेल फ्री रेडिकल्स छोड़ते हैं। ऐसा नहीं है कि ये तेल पूरी तरह हानिकारक हैं। खाद्य तेलों में आप ऑलिव ऑइल का इस्तेमाल करते हैं तो यह एंटी ऑक्सीडेंट्स, विटामिन ई जैसे तत्वों से भरपूर होता है, जो स्किन को हाइड्रेटेड रखते हैं।

2. सोडा और कॉफी
दोनों में बड़ी मात्रा में कैफीन पाया जाता है, जिनका निरंतर उपयोग करने से नींद प्रभावित होती है। कमजोर नींद का उम्र बढ़ने की प्रक्रिया से सीधा संबंध है। इससे झुर्रियां और आंखों के नीचे डार्क सर्किल भी होते हैं। कॉफी के बजाय गोल्डन मिल्क (हल्दी का दूध) इस्तेमाल कर सकते हैं।

3. व्हाइट ब्रेड
रिफाइन कॉर्ब्स और प्रोटीन का जब एक साथ उपयोग किया जाता है तो असर नकारात्मक होता है। इससे क्रोनिक डिजीज और उम्र बढ़ने की प्रक्रिया के लिए सीधे जिम्मेदार हैं। इसके बजाय ग्रेन ब्रेड्स का उपयोग किया जाना चाहिए, इसके एंटीऑक्सीडेंट्स त्वचा के लिए फायदेमंद हैं।

4. अल्कोहल

अगर शराब का इस्तेमाल कर रहे हैं तो इसे छोड़ने की कोशिश करिए। या फिर इस्तेमाल बेहद सीमित कर दीजिए। यह शरीर के पोषण और विटामिन-A के लेवल को घटा देती है। इस विटामिन का सीधा संबंध शरीर की झुर्रियों से हैं। शराब से स्किन संबंधी दूसरी समस्याएं भी हो सकती हैं।

5. शक्कर
चीनी का उपयोग शरीर को कई तरह से नुकसान पहुंचाता है। सूरज की रोशनी में चीनी उम्र बढ़ाने की प्रक्रिया को और तेज कर देती है। इसलिए धूप में आइसक्रीम खाने के बजाय हमें फ्रूट्स को ज्यादा तरजीह देनी चाहिए। भले ही वे फ्रोजन क्यों ना हों। शक्कर की जगह शहद को रिप्लेसमेंट के तौर पर इस्तेमाल करें।



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5 tips for older person know how to stop ageing in older person in coronavirus pandemic


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कम्प्यूटर इस्तेमाल करने वालों की तुलना में हाथ से लिखने वाले बच्चों की सीखने और याद करने की क्षमता ज्यादा, लिखावट को सुंदर बनाने के लिए ये 10 टिप्स याद रखें

हाथ से लिखने वाले बच्चे कंप्यूटर का इस्तेमाल करने वालों की तुलना में ज्यादा सीखते और याद रखते हैं। अमेरिकी वैज्ञानिकों की रिसर्च में यह बात सामने आई है। रिसर्चरों ने दिमाग की एक्टिविटी के अध्ययन में देखा कि पेन और पेपर के इस्तेमाल से दिमाग के सेंसरी-मोटर हिस्से में एक्टिविटी बढ़ जाती है। यह एक्टिविटी भाषा सीखने और ध्यान केंद्रित करने में मददगार होती है।

याद रखना आसान
रिसर्च के दौरान, वैज्ञानिकों ने यह भी पाया कि हाथ से लिखने का तरीका वयस्कों के लिए भी फायदेमंद है। किसी कंटेंट को लिखने के बाद वे इसे ज्यादा बेहतर याद रख सकेंगे। यह रिसर्च अमेरिका की नॉर्वेजियन यूनिवर्सिटी ऑफ साइंस एंड टेक्नोलॉजी की एक टीम ने की।

बच्चों के लिए सुझाव, हैंडराइटिंग के लेसन दिए जाएं
दरअसल, अमेरिका के 45 राज्यों के स्कूलों में बच्चों को हैंडराइटिंग सिखाना अनिवार्य नहीं है। बच्चों की ज्यादातर पढ़ाई कंप्यूटर पर ही होती है। इसे देखते हुए रिसर्च टीम ने नेशनल गाइडलाइन्स को सुझाव दिया है कि बच्चों के लिए कुछ हैंडराइटिंग भी कराई जाए। उन्हें हैंडराइटिंग के लेसन दिए जाएं।

प्रोफेसर एड्रे वेन डेर मीर और उनकी टीम सालों से हैंडराइटिंग के फायदों को लेकर शोध कर रही है। मीर ने 2017 में 20 छात्रों की ब्रेन एक्टिविटी का अध्ययन किया था।

ऐसे सुधारें बच्चों की हैंडराइटिंग

कई पैरेंट्स बच्चों की बिगड़ी लिखावट को लेकर भी परेशान रहते हैं। ऐसे में बच्चों से लेकर बड़ों तक की हैंडराइटिंग सुधारने के लिए कुछ आसान टिप्स हैं, जिनसे राइटिंग सुधारने के साथ सुंदर भी बनाई जा सकती है।

इन टिप्स को फॉलो करें

  • पेंसिल या इंक पेन से लिखने की प्रेक्टिस करें।

  • पेंसिल को थोड़ा सा ऊपर से पकड़कर अपना नाम लिखने की कोशिश करें।

  • लिखते समय कोहनी-कलाई हिले, कंधा नहीं।

  • रेत, चावल या अनाज के ढेर पर उंगलियों से लिखने की प्रेक्टिस करें।

  • बहुत कसकर कभी पेन या पेंसिल ना पकड़ें।

  • लाइन वाले पेपर पर ही लिखें।

  • अलग-अलग अक्षरों की प्रेक्टिस करें।

  • लिखने की स्पीड कम करें।

  • कैलियोग्राफी पेन से प्रेक्टिस करें।

  • रोज दो पेज लिखने की प्रेक्टिस करें।



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Hand-writing children have more ability to learn and remember than computer users


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Kirsty Gallagher health forecast: Sky Sports presenter Alzheimer’s risk revealed



KIRSTY GALLAGHER is one of Sky's best known sports presenters. Very into her fitness and wellbeing, genetic testing shocked her as she learned of her susceptibility to a brain disease.

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