Thursday, August 20, 2020

खुद को रखना चाहते हैं फिट? तो जानें दिन में कितनी बार खाएं जिससे बनी रहे सेहत

दिनभर के खाने को लेकर हमारे मन में कई तरह की बातें होती है. हम सोचते हैं बार-बार खाएंगे तो मोटे हो जाएंगे. या फिर एक नियम अनुसार 3 समय ब्रेकफास्ट, लंच और डिनर ही खाएंगे. लेकिन हेल्थ एक्सपर्ट डॉ. पूनम शर्मा (नोएडा) की मानें तो दिनभर में समय-समय पर खाना ज्यादा फायदेमंद होता है.

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Micro review: 'Peace Talks' by Jim Butcher

After a gap of roughly six years author Jim Butcher is back with book number 16 titled 'Peace Talks' in the popular Chicago-based urban fantasy series. Read the TOI micro review here.

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Diabetes type 2 warning - the six 'less well-recognised' symptoms of high blood sugar



DIABETES type 2 symptoms may include feeling unusually tired, passing more urine than normal, and having cuts or wounds that take longer to heal than expected. You could also be at risk of high blood sugar if you notice these signs that aren't as well recognised. Should you speak to a doctor about diabetes symptoms?

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Hair loss treatment: The tasty snack that may help to regenerate hair



HAIR loss may seem inevitable but evidence suggests you can reverse it by making healthy lifestyle decisions. What may come as a surprise is the role that diet plays in treating hair loss. With that in mind, a tasty snack may help to correct it.

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Include this vitamin in your diet to shed kilos

As per a study, there is a particular micronutrient which plays a major role when it comes to reducing your waistline.

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मच्छर के काटने पर होने वाली बीमारी और कोरोना संक्रमण के लक्षण एक जैसे, मानसून में खतरा सबसे ज्यादा, एक्सपर्ट से समझें कैसे अलर्ट रहे

विश्व स्वास्थ्य संगठन की मलेरिया रिपोर्ट-2017 कहती है, दक्षिण पूर्व एशिया में मलेरिया के सबसे ज्यादा 87 फीसदी मामले भारत में है। अधिक मामलों की वजह जनसंख्या का ज्यादा होना है। देश में उड़ीसा, छत्तीसगढ़, झारखंड, मेघालय, मिजोरम और त्रिपुरा में मलेरिया के मामले सबसे ज्यादा हैं। राज्यों में मानसून के बाद जलभराव, वेक्टर की मौजूदगी के कारण मच्छर पनपते हैं, जो मलेरिया के मामलों को बढ़ाते हैं।

2017 के मुकाबले 2016 में मलेरिया के मामलों 23 फीसदी घटे हैं। भारत में मलेरिया के मामले प्रति एक हजार जनसंख्या (2017) पर 0.66 मामले रहे। वहीं, 2019 में डेंगू से करीब 1.35 लाख केस आए थे, जिसमें 132 लोगों को जान गंवानी पड़ी।

आज विश्व मच्छर दिवस है, यह खास दिन ब्रिटिश चिकित्सक, सर रोनाल्ड रॉस की याद में मनाया जाता है, जिन्होंने 1897 में साबित किया था कि इंसानों में मलेरिया के लिए मच्छर ही जिम्मेदार है। इसके बाद दुनियाभर के वैज्ञानिकों ने इस पर काम करना शुरू किया और कई नई बातें सामने आईं। लंदन स्कूल ऑफ हाइजीन और ट्रॉपिकल मेडिसिन ने विश्व मच्छर दिवस मनाने की शुरूआत वर्ष 1930 में की थी।
जानिए मच्छरों से इंसानों की सेहत पर कितना असर हुआ।

कोरोनाकाल में मच्छरओं के कारण चुनौतियां कितनी बढ़ीं
विशेषज्ञों के मुताबिक, मच्छर से जुड़े रोग इसी बारिश के मौसम में फैलते हैं। मच्छरों से एक नहीं, कई संक्रामक बीमारियों का खतरा है। कोविड के दौर में सबसे बड़ी चुनौती है कि मच्छर के काटने से होने वाली बीमारी के लक्षण भी कोरोना संक्रमण से मिलते-जुलते हैं। कोरोना व डेंगू, मलेरिया के अधिकतर लक्षण एक जैसे हैं, जिसमें मुख्य है कि तीनों से संक्रमित होने पर सिर व शरीर में दर्द होता है और तेज बुखार आता है।

मादा एनोफ़िलीज़ कूलिसिफासीस से मलेरिया फैलता है, जो कि आमतौर पर मनुष्यों के साथ-साथ मवेशियों को भी काटता है। एनोफेलीज़ मच्छर सबसे ज़्यादा शाम और सुबह के बीच काटता है।

डेंगू से ग्रस्त होने वाले मरीजों को कोरोना अपनी चपेट में आसानी से ले सकता है। यदि दोनों बीमारी से ग्रसित होने वाली मरीजों की संख्या बढ़ी तो मौत के आंकड़ों में बड़े स्तर पर बढ़ोतरी होगी और स्थिति भयावह हो सकती है। इसलिए जरूरी है कि खुद को कोरोना के साथ ही डेंगू जैसी बीमारी से भी सुरक्षित रखें।

एक्सपर्ट की सलाह : हमेशा दो मास्क साथ रखें, घर का बना खाना ही खाएं, ठंडी चीजों से दूर रहें
आईएमए के पूर्व सचिव डॉ. नरेंद्र सैनी का कहना है कि चाहे बारिश हो या गर्मी या फिर सर्दी का मौसम, वायरस कभी भी फैल सकता है। इसलिये इससे बचने का अभी भी वही नियम है, जो दूसरे मौसम में था। जहां बारिश हो रही है वहां लोगों को ध्यान रखना है कि उनका मास्क गीला न हो और लोगों से उचित दूरी बनी रहे। अगर भीग गये हैं तो मास्क तुरंत उतार दें।

इस वक्त एक मास्क लगायें तो एक मास्‍क साथ में रखें। एक गीला हो जाये तो उसे उतार कर रख लें और दूसरा लगा लें। अब जो मास्‍क रखा है, उसे दोबारा इस्तेमाल करने से पहले साबुन पानी से जरूर धोयें।

एनोफिलीज मच्छर (मलेरिया की रोगवाहक) बारिश का पानी और इकट्ठा हुए जल (तालाब), गड्ढे, कम पानी वाली नदी, सिंचाई माध्यम (चैनल), रिसाव, धान के खेत, कुएं, तालाब के किनारे, रेतीले किनारे के साथ धीमी धाराओं में प्रजनन करते हैं।

एम्स दिल्ली के चिकित्सक डॉ. नंद कुमार के मुताबिक, बारिश में खाने पीने का खास ध्‍यान रखें। उन्होंने कहा कि जो पहले से सामान्य खाना खाते हैं, रोटी, चावल, दाल, सब्जी, फल, आदि ही सबसे अच्छा है। इसके अलावा इस मौसम में साफ-सफाई का ध्यान रखें और बाहर से सब्जी लाने के बाद उसे पानी से धो लें। जितना हो ठंडे पदार्थ से दूर रहें। गरम पानी पीने से मेटाबोलिक रेट बढ़ता है। जब यह बढ़ता है तो कोई भी बाहरी बैक्टीरिया आता है, तो उसे मार देता है। इसके अलावा बाहर जाएं तो सावधानी के साथ जाएं, सोशल डिस्टेंसिंग, मास्क और हैंड सैनिटाइज करते रहें।

मच्छर भी वायरस और बैक्टीरिया से कम नहीं
कोई भी बीमारी फैलने के कई कारण होते हैं, अलग-अलग रोग अलग-अलग वजह से होते हैं, इनमें वायरस, बैक्टीरिया, गंदगी आदि शामिल हैं। मच्छर भी इनमें से एक है जो एक नहीं बल्कि कई बीमारियां फैला सकता है। ऐसी ही बीमारियों के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिये हर साल 20 अगस्त को विश्व मच्छर दिवस मनाया जाता है।
मच्छर विश्व के सबसे घातक कीटों में से एक हैं। जिसके कारण विश्व में हर साल लाखों लोगों की मौत हो जाती है। मच्छर कई प्रकार के होते हैं, जो अलग-अलग रोगों की वजह बनते हैं, जैसे एडीज, एनोफ़िलीज़,, क्यूलेक्स।

मादा एडीज एजिप्ट मच्छर मनुष्य में डेंगू, चिकनगुनिया, ज़ीका और पीला बुखार आदि को दूसरे मनुष्यों तक पहुंचाती हैं। यह दिन में अधिक काटती है। मादा एडीज एजिप्ट आमतौर पर 400 मीटर की औसत पर उड़ती है।

किस मच्छर से कौन सी बीमारी

  • एडीज: चिकनगुनिया, डेंगू बुख़ार, लिम्फेटिक फाइलेरिया, रिफ्ट वैली बुखार, पीला बुखार (पीत ज्वर), ज़ीका।
  • एनोफ़िलीज़: मलेरिया, लिम्फेटिक फाइलेरिया (अफ्रीका में)
  • क्यूलेक्स: जापानी इन्सेफेलाइटिस, लिम्फेटिक फाइलेरिया, वेस्ट नाइल फ़ीवर

2030 तक मलेरिया को खत्म करने का लक्ष्य

  • भारत सरकार ने 2030 तक मलेरिया को खत्म करने के लिए लक्ष्य तय किया था। इसके लिए 11 फरवरी, 2016 को नेशनल फ्रेमवर्क फॉर मलेरिया एलिमिनेशन (NFME) प्रोग्राम 2016-20 लॉन्च हुआ।
  • सरकार ने मलेरिया उन्मूलन (2017-2020) के लिए राष्ट्रीय रणनीतिक योजना का मसौदा तैयार किया, जिसमें देश को मलेरिया के केस के आधार पर चार श्रेणियों - श्रेणी 0 से श्रेणी 3 में बांटा और इसके आधार पर मलेरिया नियंत्रण और रोकथाम को मजबूत किया जा रहा है।

मादा मच्छरों के लिए केवल रक्त भोजन की जरूरत होती है, इसलिये मनुष्यों और जानवरों को काटते हैं, जबकि पुरुष मच्छर काटते नहीं है, लेकिन वे फूलों के मकरंद या अन्य स्रोतों से आहार लेते हैं।

  • सामुदायिक स्तर पर शीघ्र निदान और शीघ्र उपचार के लिए ASHAs के साथ रैपिड डायग्नोस्टिक टेस्ट (RDT) और एंटीमलेरियल दवाएं उपलब्ध कराई जा रही हैं।
  • इसके अलावा राष्ट्रीय वेक्टर जनित रोग नियंत्रण कार्यक्रम (एनवीबीडीसीपी) भारत सरकार के स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय के तहत स्वास्थ्य सेवा महानिदेशालय के तकनीकी विभागों में से एक है और भारत में सभी वेक्टर-जनित रोगों की रोकथाम और नियंत्रण के लिए उत्तरदायी नोडल एजेंसी है।


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World Mosquito Day 2020 History and Significance; What Country Has The Most Malaria Case? South East Asia highest Cases Of Malaria


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High blood pressure: Common exercise you should avoid or risk deadly hypertension symptoms



HIGH blood pressure risk could be lowered by making some diet or exercise changes. You could lower your chances of developing deadly hypertension symptoms and signs by avoiding this common exercise at home. Should you change your gym workout routine to prevent high blood pressure?

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Eczema care: The surprising gadget that may help to ease sore and sensitive skin



ECZEMA can be persistent, and there may be periods of time when the skin condition flares-up. This can lead to sore and itchy patches all over the body. Yet, one piece of machinery might be able to help.

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कोरोना से जंग में ‘नीम’ बनेगा अहम हथियार, पहले ह्यूमन ट्रायल की तैयारी शुरू

कोरोना (CoronaVirus) महामारी से जंग में नीम (Neem) महत्वपूर्ण भूमिका अदा कर सकता है. वैज्ञानिकों और डॉक्टरों की टीम यह पता लगाने में जुट गई है कि क्या नीम के गुण वायरस (Virus) के खात्मे के काम भी आ सकते हैं.

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Standing desks, dumbbells are top Google search queries

As people across the world slowly learn to survive in the brave new world of face masks, hand washing and social distancing, they are also transforming their daily routine.

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Watch out for these 4 signs of weak immunity

By now we all have understood that our immune system is the main line of protection we have against the novel coronavirus and other infectious microbes.

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नहीं हुई है कोरोना वैक्सीन लगने से रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की बेटी की मौत, असल में 8 दिन पहले सिर्फ शरीर का तापमान गिरा था

क्या वायरस : सोशल मीडिया पर दावा किया जा रहा है कि कोरोना वैक्सीन का इंजेक्शन लगने के बाद रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की बेटी की मौत हो गई है।

  • 11 अगस्त को पुतिन ने घोषणा की थी कि रूस ने दुनिया की पहली कोरोना वैक्सीन बना ली है। और इस वैक्सीन को देश मे रजिस्टर्ड भी करा लिया गया है। व्लादिमीर पुतिन ने यह भी बताया था कि वैक्सीन का पहला इंजेक्शन उन्होंने अपनी दो बेटियों में से एक को लगवाया है। और वह और अच्छा महसूस कर रही है। रूसी राष्ट्रपति की इस घोषणा के बाद से ही सोशल मीडिया पर इस वैक्सीन से जुड़े कई दावे किए जा रहे हैं।

सोशल मीडिया पर इस तरह के मैसेज वायरल हो रहे हैं

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फैक्ट चेक पड़ताल

  • अलग-अलग कीवर्ड सर्च करने पर भी हमें इंटरनेट पर ऐसी कोई खबर नहीं मिली जिससे पुतिन की बेटी के संबंध में किए जा रहे दावे की पुष्टि हो।
  • रूस के राष्ट्रपति के ऑफिशियल ट्विटर हैंडल से ऐसा कोई ट्वीट नहीं किया गया है।
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  • दैनिक भास्कर की वेबसाइट पर 12 अगस्त की एक खबर है। इससे पता चलता है कि वैक्सीन का टीका लगने के बाद पुतिन की बेटी के शरीर का तापमान 1 डिग्री गिरा था। लेकिन, बाद में सामान्य हो गया था। खबर के अनुसार : राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की बेटी को दो डोज दिए गए। डोज देने के बाद शरीर के तापमान में बदलाव रिकॉर्ड किया गया। पुतिन के मुताबिक, पहली डोज देने पर उसके शरीर का तापमान 38 डिग्री था। वैक्सीन की दूसरी डोज दी गई तो तापमान 1 डिग्री गिरकर 37 डिग्री हो गया। लेकिन कुछ समय बाद दोबारा तापमान बढ़ा, जो धीरे-धीरे सामान्य हो गया।

निष्कर्ष : सोशल मीडिया पर किया जा रहा पुतिन की बेटी की मौत का दावा झूठा है।



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Fact Check : Russian President Vladimir Putin's daughter has not died due to the Corona vaccine, body temperature had dropped just 8 days ago


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