
CAMILLA, Duchess of Cornwall was born July 17, 1947 which means she was born under the Cancer star sign. What does this mean for Camilla and what is it represented by?
from Daily Express :: Life Feed https://ift.tt/3kR50FT
https://ift.tt/2DXf6UU
दुनियाभर में कोरोना के बढ़ते मामलों के बीच विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने लोगों से दांतों की रूटीन जांच न कराने की अपील की है। WHO के मुताबिक, महामारी में दौर में दांत की जांच कराने से संक्रमण का खतरा है। विश्व स्वास्थ्य संगठन ने खासतौर पर डेंटल क्लीनिक्स के लिए गाइडलाइन जारी की है। जानिए, ओरल प्रॉब्लम्स होने पर आपको किन बातों का ध्यान रखना है...
सवाल-जवाब से समझें गाइडलाइन की बड़ी बातें
1. रूटीन चेकअप और ट्रीटमेंट कब कराएं?
WHO के मुताबिक, अगर आप दांतों का रूटीन चेकअप कराते हैं और तो इस समय फिलहाल इससे बचें। जब तक कोरोना संक्रमण के मामले घट नहीं जाते तब तक डेंटल चेकअप और ओरल ट्रीटमेंट कराने से बचने की जरूरत है।
2. इमरजेंसी हो तो क्या करें?
महामारी के दौरान खुद अपनी देखभाल करें। बहुत ज्यादा इमरजेंसी है तो फोन या वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए डॉक्टर से सलाह ले सकते हैं। टेलीकम्युनिकेशन से से भी काफी हद तक कम्युनिटी ट्रांसमिशन के मामलों को रोका जा सकेगा।
3. डेंटल एक्सपर्ट्स से खतरा क्यों है?
इस समय हेल्थ एक्सपर्ट संक्रमण के हाई रिस्क जोन में हैं। यह ऐसा क्षेत्र है जहां एक से दूसरे को संक्रमण फैल सकता है। इनमें डेंटल क्लीनिक, हॉस्पिटल्स, पब्लिक ट्रांसपोर्ट और कम हवादार बिल्डिंग वाले हाई रिस्क क्षेत्र में कोरोना फैलने का खतरा ज्यादा है।
WHO के मुताबिक, ओरल हेल्थ वर्कर लम्बे समय से कोरोना के मरीजों के सम्पर्क में हैं। ऐसे में ट्रीटमेंट या जांच कराने के दौरान वायरस लार के जरिए संक्रमित कर सकता है। इस तरह के हाई रिस्क वाले क्षेत्रों में प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष तरीके से संक्रमित लोगों से कोरोना आप तक पहुंच सकता है।
4. डेंटल क्लीनिक में खतरा कैसे है?
डेंटल क्लीनिक में तीन तरह से कोरोना फैल सकता है। पहला, खांसने, छींकने के दौरान सीधे तौर पर पड़ने वाले ड्रॉप लेट्स से। दूसरा, किसी की आंखों, नाक या मुंह की लार से। तीसरा, संक्रमित सतह को छूने या इसके सम्पर्क में आने से। डेंटल क्लीनिक में विशेषज्ञ एयरोसोल जनरेटिंग प्रोसिजर अपनाते हैं, इस दौरान वायरस के कण आपको संक्रमित कर सकते हैं।
5. किन मामलों में ओरल ट्रीटमेंट कराने की अनुमति है?
अगर मुंह में संक्रमण हुआ है, सूजन है, दवाओं से भी दर्द कंट्रोल नहीं हो रहा या लम्बे समय से ब्लीडिंग हो रही है तो ही इलाज किया जाना चाहिए। वरना सामान्य ओरल ट्रीटमेंट के लिए अपॉइंटमेंट कैंसिल करने की जरूरत है।
WHO ने ओरल हेल्थ एक्सपर्ट से आग्रह किया है कि पहले मरीज को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए ही देखें, अगर इमरजेंसी की स्थिति बनती है तभी क्लीनिक बुलाएं। इस दौरान एक्सपर्ट का पीपीई किट पहनना जरूरी है।
विश्व स्वास्थ्य संगठन की पूरी गाइडलाइन पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें
काढ़ा कैसे बनाएं कि शरीर को नुकसान न पहुंचे, आयुर्वेद में कोरोना से बचने के क्या नुस्खे हैं और किन बातों का ध्यान रखें, कोरोना के मरीजों पर आयुर्वेद की रिसर्च कहां तक पहुंची, ऐसे कई सवालों के जवाब ऑल इंडिया इंस्टीट्यूट ऑफ आयुर्वेद की निदेशक डॉ. तनुजा नेसारी ने दिए। डॉ. तनुजा बता रही हैं आयुर्वेद की मदद से कोरोना से कैसे निपटे....
#1) असरदार काढ़ा कैसे बनाएं जो इम्युनिटी बढ़ाए?
इन दिनों लोग शरीर की इम्युनिटी बढ़ाने के लिए दवा या औषधियों की ओवरडोज ले रहे हैं, जिससे उन्हें दिक्कतें हो रही हैं। डॉ. तनुजा के मुताबिक, काढ़ा बनाते वक्त चीजों का अनुपात सही होना चाहिए। काढ़ा बनाने के लिए दालचीनी, सोंठ, तुलसी, मुनक्का, काली मिर्च का होना जरूरी है। सोंठ और काली मिर्च की तासीर गर्म होती है, इसलिये दोनों ले रहे हैं तो अगर एक भाग यानी 2-3 काली मिर्च हैं तो आधा चम्मच सोंठ लें। साथ में चार भाग तुलसी, मुनक्का लें और आधा भाग दालचीनी लें और सबका मिश्रण बना लें।
एक चम्मच मिश्रण पानी में डाल कर उबाल लें। यह एंटीवायरल होता, जो शरीर की रोगों से लड़ने की क्षमता बढ़ाता है। अगर इसका सही भाग लेंगे तो नुकसान नहीं करेगा।
दिल्ली पुलिस के हजारों कर्मियों को प्रतिदिन दिया जा रहा है। आयुर्वेद संस्थान के लोग भी ले रहे हैं। काढ़ा में नींबू या गुड़ भी डाल सकते हैं।
#2) क्या रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए औषधियां ली जा सकती हैं?
डॉ. तनुजा के मुताबिक, आयुर्वेद की कुछ दवाइयों पर ICMR, CSIR और आयुष के वैज्ञानिकों ने मिलकर कोरोना के मरीजों पर प्रयोग किया है। चार औषधियों को चुना गया है- अश्वगंघा, गिलोय से बनी वटी, मुलेठी और आयुष-64। ये रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाती हैं, बुखार नहीं आता है और सर्दी जुकाम से भी बचाती हैं।
काढ़ा पीने से जिन्हें ज्यादा गर्मी होती है, यूरिन में ब्लड आता है, पाइल्स की बीमारी बढ़ गई है, तो इनमें से किसी भी औषधि में आंवला चूर्ण मिलाकर ले सकते हैं। सर्दी जुकाम न हो, इसके लिये मुलेठी भी डाल सकते हैं।
#3) कोरोना के मरीजों पर आयुर्वेद की रिसर्च कहां तक पहुंची?
डॉ. तनुजा कहती हैं, चार औषधियों के अलावा मुलेठी, गुरूची का कोविड मरीजों पर ट्रायल हुआ है। अब नीम और कालमेघ वन औषधि का भी ट्रयल अब शुरू हो रहा है। गिलोय वटी और अश्वगंधा समेत कई औषधियों के बहुत सकारत्मक परिणाम आए हैं।
#4) कोरोना को शरीर में जाने से कैसे रोकें?
डॉ. तनुजा बताती है, सभी ऐसी चीजें अपनाए, जिससे वायरस शरीर के अंदर न जाए। सबसे पहले मास्क लगाएं और हाथों को साबुन से धोते रहें। नाक में अणु तेल की कुछ बूंदें डालें। अणु तेल नाक के दोनों छिद्रों में जाने के बाद एक बायो मास्क का रूप ले लेता है। नाक के अंदर एक परत बन जाती है, जो एपीथीलियम को ढक देती है और वायरस अंदर नहीं पहुंच पाता है।
जिन-जिन लोगों ने अणु तेल नाक में डालना शुरू किया है उनमे अब तक संक्रमण नहीं मिला है। जिन्हें खराश या जुकाम है, वे स्टीम लें। बाहर आते-जाते हैं तो हल्दी, नमक, पानी का गरारा करें। जल नेति करने से भी वायरस से बचा जा सकता है।
#5) क्या गरम चीजें खाने से वायरस कमजोर पड़ता है?
ध्यान रखें, दूध का पैकेट हो या सब्जी, बाहर से लाई गई हर चीज को अच्छी तरह से धोना चाहिए। उसके बाद हाथ धोना मत भूलें। रही बात ठंडा पानी पीने की तो ठंडा, गरम से वायरस पर कोई प्रभाव नहीं पड़ता, लेकिन ऐसा देखा गया है कि गरम पदार्थ लेने से वायरस की गति धीमी हो जाती है और वो बढ़ नहीं पाता।
#6) एसिम्प्टोमेटिक मरीज में लक्षण उभरने की संभावना रहती है या नहीं?
डॉ. तनुजा ने कहा, हर वायरस का एक तय समय होता है जिसके अंदर लक्षण आ जाते हैं। अगर 14 दिन के अंदर कोई लक्षण नहीं आते हैं, तो देखा गया है कि मरीज के अंदर वायरस खत्म हो जाता है। वायरस नया है इसलिए कई बार कुछ अलग रूप में वायरस लौट भी आता है। इसलिए आगे और 7 दिन तक खुद को निगरानी में रखना होता है।
दुनिया का सबसे बुजुर्ग घड़ियाल मूजा 83 साल का हो गया है। इसे जर्मनी के बेलग्रेड चिड़ियाघर में 1937 (अगस्त) में लाया गया था। इसकी देखरेख करने वाले कर्मचारी का कहना है कि घड़ियाल का जन्म किस तारीख को हुआ, यह हमें नहीं मालूम लेकिन जब इसे चिड़ियाघर में लाया गया, हम उसी तारीख को इसका जन्मदिन मानते हैं।
इसे चूहे खाना पसंद है
चिड़ियाघर के पशु रोग विशेषज्ञ जोजेफ एडवेड के मुताबिक, इसे चूहे खाना काफी पसंद है। यह घड़ियाल बेहद धीरे-धीरे चलने वाला है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, जब मूजा को बेलग्रेड में लाया गया तो इसकी उम्र 2 साल थी।
सैटर्न की मौत के बाद मूजा ने बनाया रिकॉर्ड
जोजेफ के मुताबिक, दुनिया के सबसे बुजुर्ग घड़ियाल होने का रिकॉर्ड मॉस्को चिड़ियाघर के सैटर्न के नाम था। जिसका जन्म 1936 को हुआ था। सैटर्न की मौत मई में हुई थी। इसके बाद यह रिकॉर्ड मूजा के नाम हो गया।
कौन है सैटर्न, जो हिटलर को काफी प्रिय था
अटल बिहारी वाजपेयी की आज दूसरी पुण्यतिथि है। 16 अगस्त 2018 को आज ही के दिन ये महान जननायक अनंत में विलीन हो गया था। अटलजी एक बेमिसाल कवि भी थे और उनका मन हमेशा कविताओं में ही बसता था। वे अक्सर कहा करते थे कि, 'ये दिल्ली की राजनीति मुझ जैसे कवि को निगल जाती है, लेकिन मैं फिर भी डटा रहूंगा और लिखता रहूंगा।'
अटलजी की पुण्यतिथि पर हमने फिर से संजोई है उनकी 10 चुनिंदा कविताएं जो उन्होंने अपने 60 साल के राजनीतिक सफर के दौरान अलग-अगल मौकों पर खूब इमोशनल होकर लिखी हैं। इनमें उनके खुद के जीवन और देश की वो बाते हैं जो झकझोर कर देती हैं। आप भी पढ़िए, और शेयर जरूर कीजिए...