दुनिया का सबसे बुजुर्ग घड़ियाल मूजा 83 साल का हो गया है। इसे जर्मनी के बेलग्रेड चिड़ियाघर में 1937 (अगस्त) में लाया गया था। इसकी देखरेख करने वाले कर्मचारी का कहना है कि घड़ियाल का जन्म किस तारीख को हुआ, यह हमें नहीं मालूम लेकिन जब इसे चिड़ियाघर में लाया गया, हम उसी तारीख को इसका जन्मदिन मानते हैं।
इसे चूहे खाना पसंद है
चिड़ियाघर के पशु रोग विशेषज्ञ जोजेफ एडवेड के मुताबिक, इसे चूहे खाना काफी पसंद है। यह घड़ियाल बेहद धीरे-धीरे चलने वाला है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, जब मूजा को बेलग्रेड में लाया गया तो इसकी उम्र 2 साल थी।
सैटर्न की मौत के बाद मूजा ने बनाया रिकॉर्ड
जोजेफ के मुताबिक, दुनिया के सबसे बुजुर्ग घड़ियाल होने का रिकॉर्ड मॉस्को चिड़ियाघर के सैटर्न के नाम था। जिसका जन्म 1936 को हुआ था। सैटर्न की मौत मई में हुई थी। इसके बाद यह रिकॉर्ड मूजा के नाम हो गया।
कौन है सैटर्न, जो हिटलर को काफी प्रिय था
- सैटर्न जर्मनी के तानाशाह एडोल्फ हिटलर के पालतू घड़ियाल था। इसे मॉस्को के चिड़ियाघर में रखा गया था।
- मीडिया रिपोर्ट में दावा किया गया है कि इस मगरमच्छ को द्वितीय विश्व युद्ध के बाद ब्रिटिश सैनिकों ने बर्लिन में पाया था। जिसे बाद में सोवियत यूनियन की सेना के हवाले कर दिया था।
- मगरमच्छ की मौत के बाद इसकी जानकारी मॉस्को जू ने अपने ऑफिशियल ट्विटर हैंडल उसका एक वीडियो शेयर करते हुए थी।
- 1980 में एक बार जू की छत का एक टुकड़ा उस पर गिरते-गिरते बचा था। एक बार जू पहुंचे एक शख्स ने उसके सिर पर पत्थर से वार किया। मगरमच्छ को काफी चोट आई थीं और महीनों तक उसका इलाज चला था।
- चिड़ियाघर में इस मगरमच्छ के लिए जब नया एक्वेरियम बनाया गया था तो इसने 4 माह तक खाना नहीं खाया था।
- 2010 में एक बार फिर उसने एक साल तक बमुश्किल खाना खाया। मॉस्को जू प्रबंधन और कर्मचारियों ने सैटर्न की मौत पर गहरा शोक व्यक्त किया है।
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