कोरोना से बचाव के लिए सरकार ने सभी को मास्क पहनना जरूरी कर दिया है। लोग ग्लव्स का भी इस्तेमाल कर रहे हैं। सामान्य व्यक्ति के इन मास्क और ग्लव्स को उपयोग करने के बाद 72 घंटे यानी तीन दिन तक पैपर बैग में रखना है। इसके बाद इसे काटकर कचरा कलेक्शन के लिए आने वाली गाड़ी को सूखे कचरे के साथ दे सकते हैं। यह मास्क और ग्लव्स न तो कोविड वेस्ट माना जाएगा और न बायो मेडिकल वेस्ट।
अगर कोविड-19 के मरीज हैं तो...
अगर आप कोरोना पॉजिटिव या संदिग्ध हैं तो ये कोविड वेस्ट कहा जाएगा। इसे अलग कवर्ड बिन में रखें। यह कोविड वेस्ट या तो बायो मेडिकल वेस्ट की गाड़ी लेकर जाएगी या नगर निगम के कचरा कलेक्शन की गाड़ी में इसे ब्लैक बॉक्स में रखा जाएगा। ब्लैक बॉक्स का यह कचरा ट्रांसफर स्टेशन पर अलग से कलेक्ट हो रहा है और वहां से यह इंसिनरेटर को जाता है।
अब केवल इन्हीं कचरे को माना जाएगा कोविड वेस्ट
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) की गाइडलाइन में साफ है कि कोरोना पेशेंट द्वारा उपयोग की गई हर वस्तु कोविड वेस्ट नहीं है। ग्लव्स, मास्क, सिरिंज, फेंकी दवाइयों को ही कोविड वेस्ट माना जाएगा। ड्रैन बैग, यूरिन बैग, बॉडी फ्लयूड, ब्लड सोक्ड टिश्यूज, या कॉटन को भी इसमें शामिल किया जाएगा। मेडिसिन के बॉक्स, रैपर, फलों के छिलके, जूस बॉटल आदि को म्युनिसिपल वेस्ट के साथ रखें।
गाइडलाइन...पेशेंट द्वारा उपयोग की गई हर वस्तु कोविड वेस्ट नहीं
कोविड वेस्ट ले जाता व्यक्ति
नई गाइडलाइन के हिसाब से बना रहे हैं व्यवस्था
सीपीसीबी की नई गाइडलाइन के हिसाब से व्यवस्था बना रहे हैं। कर्मचारियों को ट्रेनिंग देने के साथ ही आम लोगों को भी इसकी जानकारी दी जाएगी। - वीएस चौधरी कोलसानी, कमिश्नर, नगर निगम
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