Tuesday, September 15, 2020

Oats vs Daliya: Which one is better for weight loss?

Both are extremely versatile foods and can be used to prepare sweet as well as savoury dishes.

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Samantha's halterneck jumpsuit is too hot

Today we are going to talk about her latest look that is setting Instagram on fire.

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Zodiac signs that are easily tricked in love

When in love, it is okay to be a little vulnerable and insecure. Every relationship begins on these two emotions and it is only natural to feel the pressure before landing yourself in a romantic relationship. However, make sure you do not linger on to these emotions for long. Love can be exciting but if you continue playing the fool, you can be taken for granted.

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How to wear make-up with a face mask

Masks have become the new normal and an essential accessory to keep ourselves safe during the Coronavirus pandemic. While they keep us safe, they have also upended our beauty routine in many ways. Since masks cover most of our face, they still leave a lot of scope to highlight the parts that are left uncovered like eyes, brows and lashes. Here are few tips for make-up lovers on wearing make-up with a face mask:

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Have you tried these traditional Nepali dishes?



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Prostate cancer warning - the length of your fingers may signal you are at risk



PROSTATE cancer is the most common cancer in men in the UK, with around one in eight men diagnosed with it during their lifetime. In the early stages, there are usually no symptoms but research does suggest the length of your fingers may indicate your risk.

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कोरोना से हो चुके हैं ग्रसित? ठीक होने के बाद इस तरह से सही रखें अपना खान-पान

इस कोरोना काल (Corona Time) में सभी को हेल्दी (Healthy) और सतर्क रहने की सलाह दी जाती है. वहीं जो लोग कोरोना के शिकार हो चुके हैं उन्हें भी डाइट (Diet) ठीक रखने की जरूरत है क्योंकि इम्यून सिस्टम (Immunity System) को स्ट्रांग रखना बहुत जरूरी है.

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Corona काल में रखना है अपनी इम्यूनिटी को स्ट्रॉन्ग तो इन चीजों से करें तौबा

कोरोना वायरस (Coronavirus) का भयानक रूप बढ़ता ही जा रहा है. एक्सपर्ट्स और डॉक्टरों का कहना है कि जिनके शरीर का इम्यून सिस्टम (Immunity System) मजबूत है, वे इसका सामना अच्छी तरह से कर सकते हैं. इसलिए इसका स्ट्रॉन्ग होना बहुत जरूरी है.

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Six people who took part in the Fast800 programme show off the results

DR MICHAEL MOSLEY: Before our 30 volunteers started on the Fast800 programme, they recorded their weight and their waist measurements.

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People spend three hours on online shops



The typical online purchase involves seven steps and can take just over three hours before the final deal is done, according to research. Shoppers work through several stages before making a significant buy via the internet, which includes spending at least 35 minutes deciding whether a purchase is absolutely necessary.

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हल्के नीले रंग की ओजोन गैस की सुरक्षा छतरी न रहे तो इंसानी जीवन खत्म कर देंगी सूरज की किरणें, लॉकडाउन में इसका सबसे गहरा घाव भर गया

इंसानों को कई जानलेवा बीमारियों से बचाने वाली ओजोन लेयर के लिए लॉकडाउन राहत वाला समय कहा जा सकता है। देश में लॉकडाउन का जो असर हुआ, उसका एक बड़ा फायदा ओजोन लेयर को भी मिला है।

एनसीबीआई जर्नल में प्रकाशित भारतीय वैज्ञानिकों की रिसर्च कहती है, दुनिया के कुछ देशों में 23 जनवरी से लॉकडाउन लगने के बाद प्रदूषण में 35 फीसदी की कमी और नाइट्रोजन ऑक्साइड में 60 फीसदी की गिरावट आई है। इसी दौरान ओजोन लेयर को नुकसान पहुंचाने वाले कार्बन का उत्सर्जन भी 1.5 से 2 फीसदी तक घटा और कार्बन डाई ऑक्साइड का लेवल भी कम हुआ। ये सभी ऐसे फैक्टर हैं, जो ओजोन लेयर को नुकसान पहुंचाते हैं।

इसी साल अप्रैल महीने की शुरुआत में ओजोन लेयर पर बना सबसे बड़ा छेद अपने आप ठीक होने की खबर भी आई। वैज्ञानिकों ने पुष्टि कि आर्कटिक के ऊपर बना दस लाख वर्ग किलोमीटर की परिधि वाला छेद बंद हो गया है।

सूर्य की खतरनाक पराबैंगनी किरणों को रोकने वाली इस लेयर को कोरोनाकाल में कितनी राहत मिली है, इस पर पूरी रिपोर्ट आनी बाकी है। पर्यावरणविद् शम्स परवेज के मुताबिक, लॉकडाउन के दौरान ओजोन लेयर को नुकसान पहुंचाने वाले कार्बन और दूसरी गैसों का उत्सर्जन 50 फीसदी तक घटा, जिसका पॉजिटिव इफेक्ट आने वाले समय में दिख सकता है। इस दौरान एयर ट्रैफिक 80 तक कम हुआ है, जो फिलहाल अच्छे संकेत रहे हैं। आज वर्ल्ड ओजोन डे है, इस मौके पर जानिए यह क्यों जरूरी है और क्या बढ़ते तापमान का असर इस पर पड़ेगा....

खबर से पहले ओजोन लेयर के बारे में ये 5 बातें समझें

1. ओजोन लेयर क्या है?
ओजोन लेयर दो तरह की होती है। एक फायदेमंद है और दूसरी नुकसानदेह।

  • फायदे वाली ओजोन लेयर : ओजोन एक ऐसी पर्त है, जो सूर्य की ओर से आने वाली हानिकारक पराबैंगनी किरणों को सोखकर रोकने का काम करती हैं। ओजोन परत पृथ्वी के वातावरण के समताप मंडल के निचले हिस्से में में मौजूद है। सामान्य भाषा में समझें तो यह पराबैंगनी किरणों को छानकर पृथ्वी तक भेजती है। इसकी खोज 1957 में ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी के प्रो. गॉर्डन डोब्सन ने की थी।
  • नुकसान वाली ओजोन लेयर : यह ओजोन गैस की लेयर हमारे ब्रीदिंग लेवल (सांस लेने के स्तर पर) पर होती है, जो नुकसान पहुंचाती है। यह गाड़ियों और फैक्ट्री से निकलने वाले धुएं में मौजूद नाइट्रोजन ऑक्साइड से बनती है। यह कार्सिनोजेनिक होती है, जो कैंसर का कारण बन सकती है। हवा की जांच करके इसके स्तर को समझा जाता है।

1. ओजोन लेयर में छेद होने का मतलब क्या है?
इस लेयर में छेद होने पर सूर्य की पराबैंगनी किरणें सीधे धरती तक पहुंचेंगी। ये किरणें स्किन कैंसर, मलेरिया, मोतियाबिंद और संक्रमक रोगों का खतरा बढ़ाती हैं। अगर ओजोन लेयर का दायरा 1 फीसदी भी घटता है और 2 फीसदी तक पराबैंगनी किरणें इंसानों तक पहुंचती हैं तो बीमारियों का खतरा काफी हद तक बढ़ सकता है।

3. क्यों इस लेयर को पहुंच रहा नुकसान?

  • ऐसे कॉस्मेटिक प्रोडक्ट और स्प्रे का इस्तेमाल हो रहा जिसमें क्लोरोफ्लोरो कार्बन पाए जाते हैं। ये ओजोन लेयर को नुकसान पहुंचाते हैं।
  • स्मोक टेस्ट के मानकों पर न खरे उतरने वाले वाहनों से निकलता धुआं। इसमें कार्बन अधिक पाया जाता जो क्षरण का कारण बनता है।
  • फसल कटाई के बाद बचे हुए हिस्सों को जलाने से निकलने वाला कार्बन स्थिति को और बिगाड़ रहा है।
  • इसके अलावा प्लास्टिक व रबड़ के टायर और कचरे को जलाने से भी इस लेयर को नुकसान पहुंच रहा है।
  • अधिक नमी वाला कोयला जलाने पर सबसे बुरा असर पड़ रहा है।

4. ओजोन को नुकसान पहुंचाने वाले कण बनते कैसे हैं?

  • वातावरण में नाइट्रोजन ऑक्साइड और हाइड्रोकार्बन जब सूर्य की किरणों के साथ रिएक्शन करते हैं तो ओजोन प्रदूषक कणों का निर्माण होता है।
  • वाहनों और फैक्ट्रियों से निकलने वाली कार्बन-मोनो-ऑक्साइड व दूसरी गैसों की रासायनिक क्रिया भी ओजोन प्रदूषक कणों की मात्रा को बढ़ाती हैं।
  • वैज्ञानिकों के मुताबिक, 8 घंटे के औसत में ओजोन प्रदूषक की मात्रा 100 माइक्रोग्राम प्रति घनमीटर से अधिक नहीं होनी चाहिए।
ओजोन लेयर को सुरक्षित रखने के लिए दुनियाभर के कई देशों के बीच हुए मॉन्ट्रियल प्रोटोकॉल को दिखाती तस्वीर। साभार : सोशल मीडिया

5. कैसे शुरू हुई वर्ल्ड ओजोन डे की शुरुआत
ओजोन परत में हो रहे क्षरण को रोकने के लिए संयुक्त राष्ट्र ने पहल की। कनाडा के मॉन्ट्रियल में 16 सितंबर, 1987 को कई देशों के बीच एक समझौता हुआ, जिसे मॉन्ट्रियल प्रोटोकॉल कहा जाता है। इसकी शुरुआत 1 जनवरी, 1989 को हुई। इस प्रोटोकॉल का लक्ष्य वर्ष 2050 तक ओजोन परत को नुकसान पहुंचाने वाले रसायनों को कंट्रोल करना था। प्रोटोकॉल के मुताबिक, यह भी तय किया गया कि ओजोन परत को नष्ट करने वाले क्लोरोफ्लोरो कार्बन जैसी गैसों के उत्पादन और उपयोग को सीमित किया जाएगा। इसमें भारत भी शामिल था। इस साल वर्ल्ड ओजोन डे की थीम है 'ओजोन फॉर लाइफ' यानी धरती पर जीवन के लिए इसका होना जरूरी है।

इंसानों को नुकसान पहुंचाने वाली ओजोन गैस घटी या बढ़ी?
6 महीने के लॉकडाउन में 50 फीसदी से अधिक प्रदूषण का स्तर घटा है, लेकिन ओजोन गैस का स्तर सिर्फ 20 फीसदी तक ही कम हुआ है। इसका स्तर इतना ही क्यों हुआ इसके जवाब में शम्स परवेज कहते हैं, लॉकडाउन के दौरान जगहों को सैनेटाइज करने में लिए सोडियम हायपो-क्लोराइड का इस्तेमाल हुआ। इससे ब्रीदिंग लेवल पर बनने वाली ओजोन गैस का स्तर उतना नहीं गिरा, जितना गिरना चाहिए था।

दुनिया का तापमान बढ़ रहा है, इसका ओजोन लेयर पर क्या असर पड़ेगा

दुनिया में बढ़ता तापमान और इस लेयर के बीच कोई संबंध नहीं है। वायुमंडल का तापमान तब बढ़ता है, जब प्रदूषण के कारण पर्यावरण में मौजूद कण सूरज की गर्मी को अवशोषित करते हैं। इनमें सबसे ज्यादा कार्बन होते हैं। साउथ एशियाई देशों में प्रदूषण अधिक होने के कारण तापमान और भी बढ़ रहा है।



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Video: WHO ने बताई मास्क पहनने के दौरान होने वाली गलतियां, रहें सतर्क

देश में कोरोना से संक्रमित मरीजों का आंकड़ा 49 लाख के पार हो गया है. 24 घंटे में देश में कोरोना वायरस (Coronavirus) संक्रमण के 83,809 नए मामले सामने आए हैं. इसी के साथ संक्रमण के मामले बढ़कर 49,30,236 हो गए हैं.

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The Good, the Bad and the ‘Radically Dishonest’

Lying and cheating behavior comes in several distinct flavors, a recent study found.

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