Tuesday, August 18, 2020

चांद पर इंसान के पहले कदम का ऐतिहासिक पल और आइसबर्ग से टकराकर डूबते टाइटेनिक से लोगों को बचाने का खौफनाक लम्हा

आज वर्ल्ड फोटोग्राफी डे है। दुनिया में तस्वीरों के सम्मान का एक खास दिन। तस्वीरें दुनिया की धरोहर हैं और इतिहास भी। इन्हीं से पता चलता है कि हम कितने पड़ावों से होकर, किस मुकाम तक पहुंचे हैं। इस मौके पर देखिए ऐसी 10 दुर्लभ तस्वीरें जो दुनिया की तरक्की और बदलाव को दर्शाती हैं। इन तस्वीरों की एक अनकही जो जुबान होती है जिसमें ये हमसे बातें करती हुईं कहती हैं कि, अपने लक्ष्य के लिए लड़ना जरूरी है और जब इसे हासिल करते हैं तो ही इतिहास आपको सुनहरे अक्षरों में दर्ज करता है।

आज कुछ ऐसी ही दुर्लभ तस्वीरें और उनकी कहानी हम आपके लिए लाए हैं, देखिए और शेयर कीजिए...

यह तस्वीर उस ऐतिहासिक पल की है जब चांद पर पहली बार इंसान पहुंचा। चांद पर पहली बार पहुंचने वाले यह शख्स नील आर्मस्ट्रॉन्ग हैं। यह फोटो जुलाई 1969 को ली गई थी। उस समय वहां एक ही कैमरा था। इसलिए नील के साथ अपोलो मिशन पर साथ गए एल्ड्रिन ने यह तस्वीर ली थी। नील के चंद्रमा पर कदम रखने के लगभग 20 मिनट के बाद, एल्ड्रिन उतरे। चांद पर कदम रखने वाले वह दूसरे इंसान बने। इसके बाद दोनों ने साथ मिलकर चंद्रमा की सतह पर भ्रमण किया। उन्होंने जमीन पर अमेरिकी झंडा लगाया और तस्वीरें लीं।

फोटो में स्ट्रेचर पर दिख रहा अवशेष अंतरिक्ष यात्री व्लादिमीर कोमारोव का है, जो 1967 में अंतरिक्ष से धरती पर गिरे थे। वेबसाइट हिस्ट्री डॉट कॉम के मुताबिक, व्लादिमीर 23 हजार फीट ऊंचाई पर सोयूज-1 विमान से पहुंचे थे। वहां से उन्हें एक पैराशूट से वापस धरती पर लौटना था। पैराशूट आमतौर पर खुलने में 15 सेकंड लेता लेकिन यह इस तरह उलझ गया था कि खुल नहीं पाया। इस दौरान इनके पास दूसरा कोई पैराशूट नहीं था। नतीजा धरती पर गिरते ही मौत हुई।

यह तस्वीर 13 जून 1936 को ली गई थी। फोटो एक ताकतवर जहाज होर्स्ट वेसेल की लॉन्चिंग के दौरान ली गई थी। फोटो में सलामी न देने वाले इंसान का नाम है ऑगस्ट लैंडमेसर। ऑगस्ट ने 1931 में हिटलर की पार्टी नाजी की सदस्यता ली थी। यह फोटो जिस दौर की है उस समय ऑगस्ट पानी के जहाज बनाने वाली कंपनी में कर्मचारी थे। 1935 में यहूदी लड़की इरमा एकलर से सगाई के बाद इन्हें पार्टी ने निकाल दिया। ऑगस्ट हिटलर की तानाशाही से ऊब रहे थे। आखिरकार 1937 में उसने परेशान होकर जर्मनी छोड़ने का फैसला किया लेकिन पकड़े गए। सालभर चले ट्रायल के बाद सबूतों के अभाव में सिर्फ चेतावनी देकर छोड़ दिया गया।

यह फोटो दुनिया के पहले परमाणु बम की है, जिसका नाम गैजेट था। अमेरिका ने इसे न्यू मेक्सिको में तैयार किया गया था। इस मिशन का नाम था ट्रिनिटी। भौतिक विज्ञानी जे. रॉबर्ट आइजनहॉवर की लीडरशिप में अमेरिका ने 16 जुलाई 1945 को न्‍यू मेक्सिको के रेगिस्‍तान में अपना पहला परमाणु परीक्षण किया था। यह फोटो टेस्टिंग से पहले की है। इसका वजन 21 किलो था जो 21 हजार टीएनटी विस्फोटक के बराबर था। इसका विस्फोट होने पर 38 हजार फुट ऊंचाई पर धुएं का गुबार उठा था। इसे लॉन्च करने के लिए 100 ऊंचा स्टील का टावर बनाया गया था।

यह तस्वीर डोरोथी काउंटस नाम की महिला की है। यह पहली अश्वेत लड़की है जिसे गोरों के स्कूल में एडमिशन मिला। एडमिशन जितना चुनौतीभरा था उससे भी ज्यादा मुश्किल था, वहां खुद को बनाए रखना। 1957 में शेर्लेट हैरी हार्डिंग हाई स्कूल में एडमिशन लेने के बाद डोरोथी को स्टूडेंट्स काफी चिढ़ाया। ताने कसे, मजाक बनाया लेकिन हार नहीं मानीं और आगे चल कर अमेरिकी नागरिक अधिकारों का सशक्त चेहरा बनीं। अमेरिका में आज भी अश्वेत और श्वेत लोगों के बीच अधिकारों की लड़ाई जारी है, हालांकि पहले के मुकाबले स्थिति बेहतर हुई है।

यह फोटो लायका नाम के डॉगी की है जो अंतरिक्ष में पहुंचने वाला पहला जानवर है। 3 नवंबर, 1947 को इसे स्पूतनिक-2 स्पेसक्राफ्ट में एक विशेष कुर्सी से बांधकर अंतरिक्ष में भेजा गया था। इसमें बैठकर लायका ने धरती के चक्कर भी लगाए थे। यह एक वैज्ञानिक परीक्षण था, जिसका लक्ष्य यह जानना था कि अंतरिक्ष में किसी इंसान को भेजना कितना सुरक्षित है। दुखद बात यह है कि लायका कभी धरती पर वापस नहीं आ सकी। स्पेसक्राफ्ट का तापमान सामान्य से ज्यादा हो जाने के कारण लाइका की मौत हो गई थी।

यह फोटो अप्रैल 1912 की है, जिसमें कार्पोथिया नाम के जहाज में टाइटेनिक सर्वाइवर को चढ़ाया जा रहा है। 1912 में दुनिया का सबसे बड़ा स्टीम इंजन वाला टाइटेनिक जहाज छुपे आइसबर्ग से टकराया था। इस त्रासदी के बाद लोगों को बचाने कार्पेथिया वहां पहुंचा था। बचे यात्रियों को नावों से लाकर इस जहाज में चढ़ाया जा रहा था। इस घटना में 1517 लोगों की मौत हुई थी, इसे इतिहास की सबसे बड़ी समुद्री दुर्घटना कहा गया। टाइटेनिक इंग्लैंड के साउथ हैम्पटन से 10 अप्रैल 1912 को 2,223 यात्रियों के साथ न्यूयॉर्क शहर के लिए रवाना हुआ था।

साधारण सा दिखने वाला यह नजारा दुनियाभर में चर्चा का विषय बना था। यह फोटो तब ली गई जब 1905 में नॉर्वे में पहली बार केले पहुंचे थे। नॉर्वे यूरोप का दूसरा ऐसा देश था जिसने केले आयात किए। यहां 3 हजार किलो केले की खेप पहुंची थी। यहां के लोगों के लिए यह कीमती फल जैसा था। यूरोप में केले पुर्तगाली व्यापारी समुद्र के रास्ते से उत्तरी अफ्रीका से लाकर बेचते थे। 15वीं शताब्दी में इसे 'बानेमा' कहा जाता था। 17वीं शताब्दी में इसका नाम 'बनाना' पड़ा। धीरे-धीरे यह यहां के लोगों का पसंदीदा फल बन गया।

यह फोटो 1909 में ली गई थी। रेगिस्तान में एक 12 एकड़ प्लॉट के बंटवारे के लिए लॉटरी आयोजित की गई। इसमें 100 लोगों ने हिस्सा। बाद में यही जगह इजरायल की राजधानी तेल अवीव बनी। 1909 में जाफ़ा के उत्तर में तेल अवीव रेत के टीलों की एक छोटी बस्ती के रूप में जाना जाता था। बाद में यह काफी विकसित हुआ। धीरे-धीरे यह अपने आस-पास के शहरों के मुकाबले, काफी साफ और आधुनिक बनता चला गया। इसी खूबी के कारण इसके ऐतिहासिक भविष्य की शुरुआत हुई।

अभिनेत्री और गायिका मर्लिन मुनरो का स्कर्ट वाला यह पोज काफी फेमस हुआ था। 15 सितंबर 1954 को एक सब-वे में शूट किया गया मर्लिन मुनरो का यह पोज आज भी आइकोनिक तस्वीरों में गिना जाता है। इस पोज को लेने के लिए मर्लिन को लोहे की जाली पर खड़ा रहने को कहा गया और नीचे से बड़े पंखों से हवा फेंकी गई। 20वीं सदी की यह अभिनेत्री अपनी सुंदरता और बिंदासपन के लिए भी जानी जाती थी। अनाथ आश्रम में पली-बढ़ी मर्लिन कभी बेहद शर्मीली इंसान थीं लेकिन आज उन्हें दुनिया की सबसे प्रभावशाली शख्सियत में गिना जाता है।



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World Photography Day 2020/Ten Rare Photos Update; Men Who Walked on the Moon, First Atomic Bomb Name, Laika The First Animal In Space


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