Wednesday, June 24, 2020

Dementia symptoms: Have you noticed this change in your vision recently? Warning sign



DEMENTIA symptoms cover a broad spectrum and it is important to be aware of the warning signs so that you can intervene as early as possible. One major sign can crop up in your vision - have you spotted this?

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Study Raises Concerns for Pregnant Women With the Coronavirus

Pregnant women who are infected wind up in hospitals and I.C.U.’s at higher rates, a federal analysis suggests. But the data is far from conclusive.

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पतंजलि की कोरोनिल को सरकार से हरी झंडी नहीं मिली, आयुष मंत्रालय के पत्र को गलत दावे के साथ वायरल किया जा रहा है

क्या वायरल: एक पत्र वायरल हो रहा है। जिसके आधार पर दावा किया जा रहा है कि पतंजलि की कोरोनिल दवाको आयुष मंत्रालय की अनुमति मिल गई है।

  • दरअसल 23 जून कोपतंजलि की तरफ से ये दावा किया गया कि उसके द्वारा बनाई गई दवा (कोरोनिल) कोविड-19 का इलाज करने में कारगर है। आयुष मंत्रालय ने इस विज्ञापन पर आपत्ति जताते हुए प्रतिबंध लगा दिया। साथ ही यह भी कहा कि मंत्रालय को इस संबंध में कोई जानकारी नहीं दी गई है, जो कि दी जानी चाहिए थी। अब ये दावा हो रहा है कि आयुष मंत्रालय ने अनुमति दे दी है।

दावे से जुड़े कुछ ट्वीट

https://twitter.com/GourangBanna/status/1275791362307223554

https://twitter.com/ShankiGoutam3/status/1275781737776394241

https://twitter.com/shete_jitendra/status/1275769077164675075

आयुष विभाग का यह पत्र वायरल हो रहा है

फैक्ट चेक पड़ताल

  • पतंजलि आयुर्वेद लिमिटेड के एमडी आचार्य बालकृष्ण ने भी वही पत्र फेसबुक पर पोस्ट किया है जिसे लोग सोशल मीडिया पर शेयर कर रहे हैं। इसी पत्र को आयुष मंत्रालय का अप्रूवल बताया जा रहा है। सबसे पहले हमने पत्र को पढ़ा।
  • इस पत्र का सार है :23 जून को मंत्रालय द्वारा पतंजली को लिखे गए पत्र का जवाब पतंजलि ने दे दिया है।इस जवाब में क्लिनिकल ट्रायल, ट्रायल साइट की जानकारी, स्टडी प्रोटोकॉल और सैम्पल्स से जुड़ा डेटा शामिल है। अब मंत्रालय के पास डेटा को अप्रूव करने के लिए सत्यापित शोध दस्तावेज हैं।
  • यानी मंत्रालय की तरफ से ये पुष्टि की गई है कि पतंजलि आयुर्वेद नेक्लिनिकल ट्रायल से जुड़े दस्तावेज जमा कर दिए हैं। अब आयुष मंत्रालय इनकी जांच करेगा।
  • सवाल ये है कि जब मंत्रालय ने अनुमति देने जैसा कुछ कहा ही नहीं, तो ये अफवाह कैसे फैली? दरअसल, आचार्य बालकृष्ण ने फेसबुक पर ये पत्र पोस्ट करके लिखा था: आयुष के विवाद की पूर्णाहुति।
  • आचार्य बालकृष्ण की पोस्ट का गलत अर्थ निकालकर लोगों ने यह खबर फैलाना शुरू कर दी कि कोरोनिल दवा को आयुष मंत्रालय ने अनुमति दे दी है।
  • अब बात उन क्लीनिकल ट्रायल्स की। जिनके आधार पर दावा किया जा रहा है कि कोरोनिल दवा कोविड-19 का इलाज करने में कारगर है।उत्तराखंड के आयुष विभाग के लाइसेंस ऑफिसर ने ANI से हुई बातचीत में कहा है कि पतंजलि को इम्युनिटी बूस्टर, कफ और फीवर की दवा बनाने का ही लाइसेंस जारी किया गया था। लाइसेंस ऑफिसर ने स्पष्ट कहा कि - अनुमति लेते समय पतंजलि ने कोरोना वायरस का जिक्र ही नहीं किया।
  • कोरोनिल को कोविड-19 की कारगर दवा बताने पर आयुष मंत्रालय ने आपत्ति की थी। इस संबंध मेंपीआईबी ने एक प्रेस रिलीज भी जारी की थी।

निष्कर्ष : पतंजलि ने कोरोनिल पर किए क्लीनिकल ट्रायल की जानकारी आयुष मंत्रालय को सौंप दी है, ये बात सच है। लेकिन, आयुष मंत्रालय की तरफ से अब तक कोरोनिक को कोविड-19 के इलाज के लिए कारगर घोषित नहीं किया गया है। सोशल मीडिया पर किए जा रहे दावे फर्जी हैं।



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Patanjali's coronil has not received government approval


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Breakthrough Drug for Covid-19 May Be Risky for Mild Cases

That study about dexamethasone has arrived with a big asterisk: While it appears to help severely ill patients, it harms others.

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Breakthrough Drug for Covid-19 May Be Risky for Mild Cases

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महीनों बाद जब गले लगे तो बीच में प्लास्टिक में लिपटी बंदिशों की दीवार थी, आंसू तो छलके लेकिन पोंछ न सके

लॉकडाउन हटने के बाद कई इमोशनल कर देने वाली तस्वीरें सामने आ रही हैं, और उनमें समाई हैंअपनों से महीनों के बाददोबारामुलाकात की कहानियां। लेकिन, अब माहौल और मिजाजबदला हुआ हैक्योंकि बीच में है मास्क और प्लास्टिक की दीवार।

भावुक कर देने वाली इन तस्वीरों में गले लगने वालीजो मुलाकातें बयां होती हैं, उन्हेंदेखकर मन तड़प उठता है।एक-दूसरे को इतने दिनों बाददेखकर छलकेप्यार के आंसुओं कोपोंछना अब एकडर बन गया है।

येहालात कब तक बने रहेंगे, कहा नहीं जा सकताक्योंकि महामारी अपने उफान पर है। हालांकि, दुनिया के महामारी विशेषज्ञों का कहना है कि मास्क लगाकर सुरक्षित ढंग सेगले मिलना, सीधेहाथ मिलाने से ज्यादा सुरक्षितहै क्योंकि इसमेंसंक्रमण फैलनेका खतरा कम है।

तस्वीरों में देखिए अपनों से मुलाकात की इमोशनल कर देने वाली 5 कहानियां -

59 बरस में एक दिन ऐसा भी आया: लॉकडाउन के कारण 81 साल की अगस्टीना अपने पति पेस्कुअल पेरेज (84) से 102 दिनों से अलग थीं।दोनों स्पेन के बार्सिलोना मेंरहते हैं। पति एक नर्सिंग होम के हेल्थ वर्कर हैं। करीब तीन माह बाद नर्सिंग होम ने कर्मचारियों को अपने परिजनों से मिलने का मौका दिया। पेस्कुअल अपनेपरिजनों से मिलने वाले पहले शख्स थे। 22 जून को उनकी पत्नी अगस्टीना मिलने पहुंची। दोनों के बीच प्लास्टिक की दीवार थी। मास्क लगाए एक दूसरे को किस करने के साथ दोनों बड़े ही इमोशनल तरीके से मिले। ये लम्हा यादगार भी बना क्योंकि दोनों पिछले 59 साल में कभी एक-दूसरे से अलग नहीं रहे थे।

बीते दिनों बार्सिलोना का पुइग-आई फाबरा हॉस्पिटल एक यादगार और इमोशनल तस्वीर का गवाह बना। लॉकडाउन के बादजब 61 साल की डोलोरेज अपने लाचार पिता जोज लोजानो (87) से 4महीने में पहली बार मिलीं तो घुटनों पर बैठकर उन्हें देर तक प्लास्टिक के पर्दे के पीछे से निहारती रही। मास्क लगाए और हाथों में पीपीई पहनें जोज व्हीलचेयर पर अपनी बेटी से मिलने पहुंचे थे। इतने लम्बे समय के बाद दोनों मिले तो दानों की आंखों में आंसू थे, और दोनों बस एक-दूसरे को दिलासा देते रहे।
स्पेन में ज्यादातर नर्सिंग होम में ऐसे ही हालात हैं क्योंकि कोरोना के मामले बढ़ने के बाद हेल्थ वर्करों में भी संक्रमण के मामले बढ़े क्योंकि वे लम्बे समयसे नर्सिंग होम में ही रह रहे हैं। संक्रमण के मामले घटने के बाद अब परिजन उनसे मिलने आ रहे हैं लेकिन एक-दूसरे को छू नहीं सकते। तस्वीर में प्लास्टिक में लिपटे हाथों से पिता ने अपनी बेटी के हाथों को थामा और कहा कि, चिंता मत करो, सब ठीक हो जाएगा। ये वक्त भी गुजर जाएगा।
यह नजारा इंग्लैंड के ईस्ट मिडलैंड्स एयरपोर्ट का है, जहां तीन महीने के लॉकडाउन के बाद पहली बार कोई यात्री दिखा। तस्वीर में शेनॉन और उनकी मां कैरोलिनदिखाई दे रही हैं। शेनॉन मार्च में स्पेन गई थीं। महामारी के बीच अपने अंकल की देखभाल के लिए दो हफ्तों की ट्रिप प्लान की थी लेकिन कोरोना के मामले बढ़नेपर वह लौट न सकीं। तीन महीने बाद जब वह लौटीं तो मां से मिलने के बाद कई मिनट तक रोती रहीं। मास्क पहने हुए शेनॉन कहती हैं कि मैं इतना इमोशनल हो गई कि बस मैं रोते रहना चाहती थी।
तस्वीर में दिख रही 4 साल की मिला स्नेडन कैंसर (ल्यूकीमिया) से जूझ रही हैं। लॉकडाउन के कारण वह पिछले दो महीनों से अपने पिता से दूर थी। इस दौरान मिलने की अनुमति नहीं थी क्योंकि मिला की कीमोथैरेपी चल रही थी और इम्युनिटी कम होने के कारण संक्रमण का खतरा था। हाल ही में जब वह अपने पिता से मिली तो खुशी का ठिकाना नहीं रहा। मिला लगातार बोले जा रही थी और बाकी सब खामोश थे, शब्दों से उसकी पिता से मिलने की बेसब्री जाहिर हो रही थी।
लॉकडाउन के दौरान दोनों की मुलाकात के बीच थी एक शीशे की खिड़की। मिला अपने पिता स्कॉट को शीशे की खिड़की से देखती थीं और फोन के जरिए बात करती थी। पिता स्कॉट के लिए यह सबसे कठिन समय था क्योंकि लॉकडाउन के दौरान उनकी मां की कोरोनावायरस के कारण मौत हो गई और बेटी कैंसर से जूझ रही थी। स्कॉट अपने इमोशन का काबू करके बेटी से मिलने पहुंचते थे।
ब्रिटेन के एंटनी कॉविन ने अपनी दादी से मिलने के लिए घर के बाहर प्लास्टिक कर्टन का फ्रेम तैयार किया है। इसमें प्लास्टिक के हाथ लगाए ताकि जब दादी मां से मुलाकात हो तो उन्हें गले लगाया जा सके। एंटनी ने प्लास्टिक के इन पर्दों को नाम दिया 'कडल कर्टेन'। एंटनी चाहते थे कि जब वह दादी से मिलें तो उन्हें संक्रमण का खतरा न हो, इसलिए उन्होंने इसे तैयार किया। मुलाकात के दौरान दोनों काफी इमोशनल हुए और इसका वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ।

ट्विटर पर वायरल हुआइनका वीडियो-



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Emotional stories behind the masks in spain, america and europe


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डायबिटीज और मोटापे से पीड़ित महिलाओं में कोरोना से मौत का खतरा 24% तक घटाती है मेटफॉर्मिन ड्रग, जबकि पुरुषों में ऐसा नहीं

डायबिटीज और मोटापे से पीड़ित वो महिलाएं जो कोरोना से भी जूझ रही है, उनमें मौत का खतरा घटाने वाली दवा का नाम सामने आया है। रिसर्च के करने वाली मिनेसोटा यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं के मुताबिक, मेटफॉर्मिन ड्रग कोरोना से जूझ रही महिलाओं में मौत का खतरा 24 फीसदी तक घटा सकती है, जबकि पुरुषों में ऐसा नहीं होता।

मेटफॉर्मिन दवा आमतौर पर तब दी जाती जब डायबिटीज के मरीजों में लिवर अधिक शुगर रिलीज करता है। शोधकर्ताओं का मानना हे कि उम्मीद है कि यह दवा रिस्क फैक्टर को कम करेगी।

15 हजार मरीजों पर हुई रिसर्च
शोधकर्ताओं ने यह रिसर्च 15 हजार कोरोना मरीजों पर की है। इनमें 6200 से अधिक महिलाएं मोटापे से परेशान थीं। इनमें दवा के जरिए 24 फीसदी तक मौत का रिस्क कम होने की बात सामने आई। शोधकर्ताओं का कहना है कि उम्र और मरीज की गंभीर स्थिति ऐसे रिस्क फैक्टर हैं जो मौत का खतरा बढ़ाते हैं। रिसर्च में साबित हो चुका है कि पहले से बीमार, मोटापे से परेशान और डायबिटीज से जूझ रहे मरीज संक्रमण के हाईरिस्क जोन में हैं।

शरीर में सूजन का स्तर जितना अधिक, मौत का खतरा उतना ज्यादा
शोधकर्ताओं का कहना है, ऐसे मरीजों में होने वाली सूजन इम्यूनिटी पर असर डालती है जिसकी वजह से कोविड-19 से मौत की दर बढ़ती है। शरीर के सूजन का स्तर जितना ज्यादा होगा मौत का खतरा भी उतना ही बढ़ेगा। कोविड-19 होने पर यह दवा ऐसे मरीजों के इलाज का पहला चरण साबित हो सकती है। मेयो क्लीनिक के मुताबिक, मेटफॉर्मिन अमेरिका में प्रिस्क्राइब की जाने वाली चौथी सबसे कॉमन दवा है।

पुरुषों में इसलिए फायदा नहीं
शोधकर्ताओं के मुताबिक, महिलाओं में मौत का खतरा घटा लेकिन पुरुषों में क्यों नहीं यह साफतौर पर सामने नहीं आ पाया है लेकिन एक बात जरूर है कि जेंडर का फर्क संक्रमण की गंभीरता पर पड़ता है। यह भी देखा गया है कि पुरुषों में सूजन का स्तर अधिक रहता है जो दवा के असर को घटा सकता है।

पुरुषों में संक्रमण अधिक गंभीर होने या मौत होने का प्रतिशत भौगोलिक स्थिति पर निर्भर करता है। शोधकर्ताओं का मानना है कि पुरुषों का स्मोकिंग करनाजान का जोखिम बढ़ने की बड़ी वजह हो सकती है।

ऐसे काम करती है दवा
शोधकर्ताओं के मुताबिक, मेटफॉर्मिन दवा देने पर मरीज का ब्लड शुगर लेवलकंट्रोल होने लगता है इस वजह से शरीर में सूजन घटती है। रिसर्च के लिए हॉस्पिटल में 15,380 कोविड-19 के मरीजों ने रजिस्ट्रेशन कराया। इनमें से 6256 महिलाएं डायबिटीज या मोटापे से जूझ रही थीं, इनमें से 2333 महिलाओं को यह दवा दी गई। इनमें 24 फीसदी महिलाओं में मौत का खतरा 21 से 24 फीसदी तक कम हो गया।



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Metformin Drug | Coronavirus Vaccine Treatment Latest Research News Updates; Metformin Drug Tied To Lower Risk Of Covid-19 Death In Women


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Decades-Old Soviet Studies Hint at Coronavirus Strategy

A married pair of virologists in Moscow tested a vaccine on their own children in the 1950s. Now, a side effect they found is sparking new hope for a defense against the coronavirus.

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Those Who Can’t March Can Still Make a Difference

Many people with compromised immune systems feel too vulnerable to participate in public demonstrations, yet may want to be part of the solution.

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How to Help Kids Embrace Mask-Wearing

Most children enjoy the chance to feel morally superior. Assign them to be the family mask monitors.

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5 Measures That May Lower Your Alzheimer’s Risk

Exercise, not smoking, moderate drinking, a Mediterranean diet and mentally stimulating activities were linked to a lower Alzheimer’s risk.

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9 Hand Sanitizers May Be Toxic, F.D.A. Warns

The warning applies to nine lines of hand sanitizer manufactured in Mexico that contain methanol, or wood alcohol, which can be dangerous, the agency said.

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