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2020 का रक्षाबंधन अजीब से जज्बात लिए हुए है। लॉकडाउन मार्च की होली के बाद ये पहला बड़ा त्योहार है। होली तो ठीक-ठाक रंगीन मनी थी, पर रक्षाबंधन, वाकई बंधनों में मन रहा है।
बहनें भी नहीं आ पा रहीं और भाई भी यहां-वहां फंसे हैं। लॉकडाउन और सोशल डिस्टेंसिंग की मजबूरी भाई-बहन के साथ पूरे परिवार में रिश्तों की परीक्षा ले रही है।
लेकिन, हम भारत के लोग बिना त्योहार नहीं रह सकते। तो इस बार फोन और वीडियो कॉल के साथ कुछ बेहतरीन संदेश भेजकर जताएं अपना प्यार और स्नेह।
कुछ ऐसे ही संदेश भाई की ओर से प्यारी बहना के लिए, जिन्हें आप शेयर करके उसे दुलार सकते हैं, सम्मान दे सकते हैं और ये जता सकते हैं कि वो आपकी जिंदगी में कितनी खास है।
भाई-बहन के रिश्ते के पीछे भी कोई विज्ञान है? जवाब है, हां। घर में दोनों की मौजूदगी, उनका छोटी-छोटी बातों पर झगड़ना, एक-दूसरे को दिक्कत होने पर हमेशा मदद के लिए खड़े रहना, ऐसी कई बाते हैं जो उनमें कई तरह से समझदारी पैदा करती हैं, जो अकेले रहने वाले बच्चे में आसानी से विकसित नहीं होतीं। भाई-बहन पर दुनियाभर की चुनिंदा यूनिवर्सिटी में हुईं रिसर्च ये साबित करती हैं कि इनका रिश्ता एक-दूसरे को काफी कुछ सिखाता है और ये दोनों परिवार के लिए कितना जरूरी हैं।
आज रक्षाबंधन है, इस मौके पर विज्ञान के नजरिए से समझिए भाई-बहन का रिश्ता को एक-दूसरे को जीवन में क्या कुछ सिखाता है और पेरेंट्स को कितनी मदद मिलती है-
पहली सीख : छोटी-छोटी दिक्कतों को कैसे हल करें, इसका सबक मिलता है
अमेरिकी की पेन स्टेट यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर मार्क फेनबर्ग कहते हैं, सिबलिंग रिलेशनशिप एक भाई-बहन को उतने सबक सिखाती है जितने उसे माता-पिता से मिलते हैं। ये एक-दूसरे की संगत में जीवन के उतार-चढ़ाव को सीखते हैं और कैसे खुद को आगे बढ़ने के लिए तैयार करना है, इसकी समझ भी इस रिश्ते से आती है क्योंकि सबसे लम्बे समय तक यही एक-दूसरे के साथ रहते हैं।
दूसरी सीख : भाई के मुकाबले बहन ज्यादा गंभीरता से रिश्ता निभाती है
भाई-बहन एक-दूसरे का अकेलापन कितना दूर कर पाते हैं इसे जानने के लिए तुर्की में एक रिसर्च हुई। रिसर्च के मुताबिक, बहनें अपने भाइयों के लिए ज्यादा केयरिंग होती हैं। वह इस रिश्ते को अधिक गंभीरता से निभाती हैं। वहीं, भाई अपनी बहनों पर कई बार गुस्सा दिखाते हैं या नाराज हो जाते हैं, ऐसा बहनों की तरफ से बहुत कम होता है। जब कुछ नई चीज सीखने की बारी आती है तो बहनें अपने भाइयों से काफी कुछ सीखती हैं, जबकि भाइयों में बहन से कुछ सीखने का गुण रिसर्च के दौरान कम ही देखा गया।
तीसरी सीख : भाई-बहन एक-दूसरे को समाज में जगह बनाना सिखाते हैं
नॉर्थवेस्टर्न यूनिवर्सिटी की प्रोफेसर और सायकोलॉजिस्ट लौरी क्रेमर के मुताबिक, भाई-बहन के सम्बंधों से बढ़ने वाली समझ को सिबलिंग इफेक्ट कहते है। यह सिबलिंग इफेक्ट दोनों पर कई तरह से असर डालता है। जैसे- ये एक-दूसरे की दिमागी क्षमता को बढ़ाते हैं। इनमें गंभीरता बढ़ने के साथ ये एक-दूसरे को समाज में अपनी जगह बनाना सिखाते हैं। पेरेंट्स इनसे क्या चाहते हैं, घर में सिबलिंग अधिक होने पर ये एक-दूसरे को समझा पाते हैं।
चौथी सीख : एक दूसरे के साथ से डिप्रेशन, शर्म और हड़बड़ी का स्वभाव नहीं विकसित होता
अमेरिका की पार्क यूनिवर्सिटी ने भाई-बहन के रिश्तों को समझने के लिए सिबलिंग प्रोग्राम शुरू किया और पेन्सेल्वेनिया राज्य के 12 स्कूलों को शामिल किया गया। इस प्रोग्राम का लक्ष्य था कि भाई-बहन की जोड़ी मिलकर कैसे निर्णय लेते हैं और जिम्मेदारी किस तरह निभाते हैं। रिसर्च में सामने आया कि कम उम्र से एक-दूसरे का साथ मिलने में इनमें समझदारी जल्दी विकसित होती है। इनमें डिप्रेशन, शर्म और अधिक हड़बड़ी जैसा स्वभाव नहीं विकसित होता।