Wednesday, September 30, 2020

5 zodiac signs who have the power to influence

Inspirational people have a profound influence on others with their remarkable and positive qualities. They stay strong, never give up and always help others. They work hard and never give up until they achieve what they want. In the process, they also inspire and attract people who look up to them in awe. Many consider them their idols and they are seen as people who have the power to change and influence the world and its choices. Whether it’s a world leader or a middle-class man, someone's words and actions can hugely influence people. We have zeroed down on 5 zodiac signs who are often the most inspirational people.

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Know which fertility trick actually works

While many people disregard the theory that tricks can help you get pregnant, there are people who credit their pregnancy to some weird and unusual tricks. So, here is a list of fertility tricks along with their efficiency, which will give you a fair idea on whether to use them or not.

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Treat your sweet tooth and boost your health!

JANE CLARKE: Joy is not a word generally associated with diet plans, but I think it's essential we get pleasure from the food we eat, especially if we're trying to improve our health.

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कॉफी के बीज खाकर पहली बार बकरियां झूमने लगीं थीं, जब इसकी भुनी खुशबू नशे की तरह चढ़ी तो इंसानों के भी मुंह लग गई कॉफी

अमूमन लोग कॉफी तब पीते हैं जब बॉडी में एनर्जी की कमी महसूस करते हैं या तनाव से जूझ रहे होते हैं। लेकिन कॉफी के सबसे पुराने ठिकाने इथियोपिया में ऐसा नहीं है। यहां की हर दावत में आपको कॉफी मिलेगी। अफ्रीकी देश इथियोपिया को कॉफी का जन्मस्थल कहते हैं।

आज वर्ल्ड कॉफी डे है, इस मौके पर कॉफी के सबसे बड़े ठिकाने से जानिए 4 दिलचस्प किस्से

1. जब कॉफी के बीज खाने के बाद बकरियां झूमने लगी थीं
इथियोपिया में कॉफी की खुशबू को कैसे पहचाना गया, इसका यहां एक सबसे दिलचस्प किस्सा मशहूर है। एक समय यहां कालदी नाम का चरवाहा अपनी बकरियों को काफा के जंगल से लेकर निकलता था। एक दिन उसने देखा, यहां जमीन पर पड़ी लाल चेरियां खाने के बाद बकरियां खुशी से झूम रही हैं। चरवाहे ने कुछ चेरियां तोड़ीं और खाईं। स्वाद पसंद आने पर चेरियों को अपने चाचा के पास ले गया।

चाचा बौद्ध धर्म के अनुयायी थे और मठ में रहते थे। उन्होंने मजहबी बंदिश के कारण कॉफी की चेरी को आग में डाल दिया। जैसे ही बीजों ने जलना शुरू किया उसकी खुशबू नशे की तरह चढ़ने लगी। इसके बाद कालदी के चाचा ने इन बीजों का इस्तेमाल खुशबू के लिए करना शुरू किया।

इन्हीं लाल चेरियों से बीज निकालकर उससे कॉफी तैयार की जाती है।

2. जले हुए कॉफी के बीजों को पानी में डाला और ऐसे हुई इसकी शुरुआत
इथियोपिया में काफा के रहने वाले मेसफिन तेकले कहते हैं, यहां कॉफी का चलन कैसे शुरू हुआ इसकी कहानी मैंने अपने दादा से सुनी थी। वह कहते थे एक बार चरवाहे कालदी की मां ने आग में जले हुए बीजों को साफ किया। फिर इसे ठंडा होने के लिए पानी में डाल दिया और तेज खुशबू आने लगी। यहीं से कॉफी पीने का चलन शुरू हुआ।

मेसफिन कहते हैं, यहां के जंगल दुनियाभर के लिए एक तोहफे की तरह हैं। दुनियाभर के लोग यहां पर उगी कॉफी की चुस्कियां लेते हैं। कॉफी यहां की मेहमाननवाजी का हिस्सा है। बचपन से लड़कियों को इसे तैयार करना सिखाया जाता है।

कॉफी सेरेमनी की तैयारी।

3. सामाजिक रिश्तों को मजबूत करने के लिए 3 घंटे चलती है कॉफी सेरेमनी
इथियोपिया में हर खुशी के मौके पर कॉफी सेरेमनी आयोजित की जाती है। यह 2 से 3 घंटे का प्रोग्राम होता है। कॉफी को सर्व करने का काम घर की महिलाएं और बच्चे करते हैं। यह तैयार भी अलग तरह से होती है। कॉफी के दानों को रोस्ट करके उसे पीसते हैं और गर्म पानी के साथ मिलाते हैं। इसमें दूध नहीं मिलाया जाता है लेकिन शक्कर की मात्रा अधिक रहती है। तैयार होने के बाद इसे सुराहीनुमा बर्तन में लाते हैं और मेहमानों को सर्व करते हैं।

4. यहां कॉफी के पेड़ लगाए नहीं जाते, अपने आप उग आते हैं
इथियोपिया के जंगल में कॉफी की 5 हजार से अधिक किस्में हैं। यहां की जमीन कॉफी के लिए इतनी उपजाऊ है कि पौधे लगाए नहीं जाते, अपने आप जमीन से उग आते हैं। यूनेस्को की रिपोर्ट कहती है, 40 साल पहले इथियोपिया के 40 फीसदी इलाकों में काॅफी के जंगल थे। अब ये घटकर 30 फीसदी रह गए हैं।

कैसे हुई इंटरनेशनल कॉफी डे की शुरुआत
इस दिन का मकसद कॉफी को प्रमोट करना और इसे एक ड्रिंक के तौर पर सेलिब्रेट करना है। इसकी शुरुआत 1 अक्टूबर 2015 को हुई जब इटली के मिलान में इंटरनेशनल कॉफी ऑर्गेनाइजेशन की शुरुआत हुई।

साभार : बीबीसी, होमग्राउंड्स, कम्युनिकॉफी डॉट कॉम



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International coffee day 2020 interesting fact from home of coffee Ethiopia


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बीते 50 सालों में 70% बीमारियां जानवरों से फैली हैं, इसीलिए रिसर्च कहती हैं कि बचना है तो डाइट में फल-सब्जियां आज से ही बढ़ा लें

वायरस के संक्रमण से बचना है तो वेजिटेरियन डाइट ही सेफ विकल्प है। स्वाइन फ्लू से लेकर कोरोना का संक्रमण फैलाने तक में जानवर एक बड़ी कड़ी साबित हुए हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन कहता है, पिछले 50 सालों में 70 फीसदी वैश्विक बीमारियां जानवरों के जरिए फैली हैं।

कई रिसर्च में यह साबित हो चुका है कि हृदय रोग, कैंसर जैसी बीमारियों का खतरा कम करना चाहते हैं तो वेजिटेरियन डाइट लें। खाने में फल-सब्जियों की मात्रा को बढ़ाएं। आज वर्ल्ड वेजिटेरियन डे है, इस मौके पर जानिए शाकाहारी खाना आपकी जिंदगी में कितना बदलाव जाता है....


4 वजह: वेजिटेरियन खाना क्यों बेहतर है

1. वायरल डिसीज का खतरा कम हो जाता है
2013 में आई यूनाइटेड नेशंस की संस्था फूड एंड एग्रीकल्चर ऑर्गनाइजेशन की रिपोर्ट कहती है, दुनियाभर में 90% से ज्यादा मांस फैक्ट्री फार्म से आता है। इन फार्म्स में जानवरों को ठूंस-ठूंसकर रखा जाता है और यहां साफ-सफाई का भी ध्यान नहीं रखा जाता। इस वजह से वायरल डिसीज फैलने का खतरा बढ़ जाता है। हाल ही में गुजरात में फैली वायरल डिसीज कांगो फीवर में भी संक्रमित जानवरों से इंसान को खतरा बताया गया है।

2. दिल ज्यादा खुश रहता है और बीमार कम होता है
नॉनवेज के मुकाबले वेजिटेरियन डाइट आपको ज्यादा स्वस्थ रखती है, इस पर रिसर्च की मुहर भी लग चुकी है। अमेरिकन जर्नल ऑफ क्लीनिकल न्यूट्रीशन में प्रकाशित रिसर्च कहती है, हृदय रोगों का खतरा घटाना है तो शाकाहारी खाना खाइए।

इंग्लैंड और स्कॉटलैंड में 44,561 लोगों पर हुई रिसर्च हुई। इसमें सामने आया कि नॉन-वेजिटेरियन के मुकाबले जो लोग वेजिटेरियन डाइट ले रहे थे उनमें हृदय रोगों के कारण हॉस्पिटल में भर्ती करने की आशंका 32 फीसदी तक कम है। इनमें कोलेस्ट्रॉल का लेवल और ब्लड प्रेशर दोनों ही कम था।

3. फल-सब्जियों की मात्रा बढ़ाते हैं तो कैंसर का खतरा घटता है
अब तक सैकड़ों ऐसी रिसर्च सामने आ चुकी हैं जो कहती हैं, खाने में अगर फल और सब्जियों की मात्रा बढ़ाते हैं तो कैंसर का खतरा कम हो जाता है। ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी में हुई रिसर्च के मुताबिक, अगर डाइट से रेड मीट को हटा देते हैं तो कोलोन कैंसर होने का खतरा काफी हद तक घट जाता है।

4. डायबिटीज कंट्रोल करना है तो 50% तक फल-सब्जियां खाएं
वियतनाम के मेडिकल न्यूट्रिशनिस्ट डॉ. बिस्वरूप चौधरी कहते हैं, अगर ब्लड शुगर कंट्रोल करना चाहते हैं तो दिनभर की डाइट में 50 फीसदी से ज्यादा फल और सब्जियां लें। इसके बाद ही अनाज शामिल करें। नॉनवेज, अंडा, मछली, मक्खन और रिफाइंड फूड लेने से बचें। ऐसा करते हैं तो ब्लड शुगर काफी हद तक कम किया जा सकता है।

अब बात उस पहल की जिसके कारण यह दिन शुरू हुआ
दुनियाभर के लोगों को शाकाहारी खाना खाने के लिए प्रेरित करने और इसके फायदे बताने के लिए वर्ल्ड वेजिटेरियन डे की शुरुआत हुई। 1 अक्टूबर 1977 को नॉर्थ अमेरिकन वेजिटेरियन सोसायटी ने यह पहल शुरू की।

इस लक्ष्य लोगों को यह भी समझाना था कि वेजिटेरियन डाइट नॉनवेज फूड से ज्यादा हेल्दी है। वेजिटेरियन डाइट बॉडी में अधिक फैट नहीं बढ़ाती और हृदय रोगों का खतरा कम करती है। इसमें मौजूद फायबर और एंटीऑक्सीडेंट्स में कैंसर से लड़ने की क्षमता है।

क्या होगा अगर सभी वेजिटेरियन बन जाएं?

  • 2016 में नेशनल एकेडमी ऑफ साइंस की एक स्टडी आई थी। इसमें कहा गया था कि अगर दुनिया की सारी आबादी मांस छोड़कर सिर्फ शाकाहार खाना खाने लगे तो 2050 तक ग्रीन हाउस गैसों के उत्सर्जन में 70% तक की कमी आ सकती है।
  • अंदाजन दुनिया में 12 अरब एकड़ जमीन खेती और उससे जुड़े काम में इस्तेमाल होती है। इसमें से भी 68% जमीन जानवरों के लिए इस्तेमाल होती है। अगर सब लोग वेजिटेरियन बन जाएं तो 80% जमीन जानवरों और जंगलों के लिए इस्तेमाल में लाई जाएगी।
  • इससे कार्बन डाय ऑक्साइड की मात्रा कम होगी और क्लाइमेट चेंज से निपटने में मदद मिलेगी। बाकी बची हुई 20% जमीन का इस्तेमाल खेती के लिए हो सकेगा। जबकि, अभी जितनी जमीन पर खेती होती है, उसके एक-तिहाई हिस्से पर जानवरों के लिए चारा उगाया जाता है।

वेजिटेरियन और वेगन डाइट के फर्क को भी समझ लें

वेगन और वेजिटेरियन डाइट में एक सबसे बड़ा अंतर है। वेगन डाइट में ज्यादातर ऐसे फूड शामिल हैं जो पेड़े-पौधों से सीधे तौर पर मिलते हैं। वेगन डाइट में एक बात का खासतौर पर ध्यान दिया जाता है कि जो भी फूड ले रहे हैं वो रसायनिक पदार्थों से तैयार न हुए हों। यानी ऑर्गेनिक फार्मिंग से तैयार होने वाले फूड होने चाहिए।



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World Vegetarian Day 2020: What Are The Advantages Of Vegetarian Food For Your Health? Four Reasons for Going Veggie


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The natural mineral that has been shown to stimulate and strengthen hair follicles



BEST hair supplements: Hair loss can be highly distressing but it doesn't have to be a permanent fixture in your life. Evidence suggests taking a natural supplement can promote hair growth and strength.

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The hidden sign of lung cancer in your face - could you be at risk of a deadly tumour?



LUNG cancer symptoms include difficulty breathing, headaches, and persistent chest pain. But you could also be at risk of a deadly lung tumour if you notice a small change to the appearance of your face. These are the hidden signs of lung cancer that may be going unnoticed.

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क्या है कीट से फैलने वाला कांगो फीवर जिसने गुजरात में संक्रमण फैलाया तो महाराष्ट्र को अलर्ट जारी करना पड़ा

गुजरात के कुछ इलाकों में कांगो फीवर के मामले सामने आए हैं। इसका हवाला देते हुए महाराष्ट्र के पालघर में प्रशासन ने अलर्ट जारी किया है। पशुपालन विभाग के डिप्टी कमिश्नर डॉ. प्रशांत कांबले ने कहा है कि गुजरात के कुछ इलाकों में यह बुखार पाया गया है। इसके महाराष्ट्र के सीमावर्ती इलाकों में फैलने की आशंका है। पालघर गुजरात के वलसाड जिले से लगा हुआ है। जानिए कांगो फीवर कब, क्यों और कैसे फैलता है...

Q-1. क्या है कांगो फीवर और कब दिखते हैं इसके लक्षण?

  • यह वायरल बीमारी खास तरह के कीट (किलनी) के जरिए एक जानवर से दूसरे जानवर में फैलती है।
  • संक्रमित जानवरों के खून के संपर्क में आने या ऐसे जानवरों का मांस खाने पर इंसानों में यह बीमारी फैलती है।
  • सही समय पर बीमारी का पता लगाकर इलाज नहीं किया गया तो 30% मरीजों की मौत हो जाती है।
  • विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुताबिक, इसके लक्षण दिखने में 6 से 13 दिन का समय लगता है।

Q-2. कहां से आया कांगो फीवर?
इस बीमारी का पहला मामला 1944 में यूरोप के क्रीमिया में आया था। लेकिन 1956 में अफ्रीका के कांगो में इसी वायरस के मामले सामने आए, इसलिए इस बीमारी का पूरा नाम क्रीमियन-कांगो फीवर रखा गया। हालांकि बोलचाल की भाषा में इसे कांगो फीवर ही कहा जाता है। अब इसका वायरस दूसरे देशों में भी पहुंच रहा है।

Q-3.कौन से लक्षण दिखने पर अलर्ट हो जाएं?

  • इससे संक्रमित होने वाले मरीजों में बुखार के साथ मांसपेशियों में दर्द होना, सिरदर्द और चक्कर आना जैसे लक्षण दिखते हैं।
  • कुछ मरीजों को सूर्य की रोशनी से दिक्कत होती है, आंखों में सूजन रहती है।
  • संक्रमण के 2 से 4 दिन बाद नींद न आना, डिप्रेशन और पेट में दर्द के लक्षण भी सामने आते हैं।
  • मुंह, गर्दन और स्किन पर चकत्ते आने के साथ हार्ट रेट भी बढ़ सकता है।

Q-4.क्या है इसका इलाज?
विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुताबिक, लक्षण दिखने पर मरीजों को एंटीवायरल ड्रग दी जाती है। इसका इलाज ओरल और इंट्रावेनस दोनों तरह से किया जाता है। इसके 30 फीसदी मरीजों की मौत बीमारी के दूसरे हफ्ते में होती है। मरीज अगर रिकवर हो रहा है तो इसका असर 9वें-10वें दिन दिख जाता है।

इसकी अब तक कोई वैक्सीन नहीं तैयार की जा सकी है। वैक्सीन न होने के कारण बचाव ही इलाज है।



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Congo Fever: What Is Congo Fever Signs and Symptoms | Maharashtra Gujarat District On Alert Against Spread Of Congo Fever


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Helen Reddy death: Net worth - how much did I Am Woman singer make?



HELEN REDDY has died age 78. The death was confirmed by her children on Facebook. She is best known for writing the anthem I Am Woman.

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Full list of 172 ‘long COVID’ coronavirus symptoms - from belching to bedwetting



COVID symptoms include a high fever, a new cough, and loss of smell and taste - all of which require the UK public to get a free coronavirus test. But some COVID-19 patients have reported symptoms for much longer than the initial two-week period. These are the 172 'long COVID' signs, from belching to bedwetting.

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Susanna Reid net worth: Good Morning Britain presenter has impressive fortune



SUSANNA REID is an English television presenter and journalist, perhaps best known for her role co-hosting ITV's Good Morning Britain alongside Piers Morgan. How much is she worth?

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Diabetes type 2 symptoms - five early signs of high blood sugar levels



DIABETES type 2 is a chronic condition whereby blood sugar levels can rise to unsustainably high levels. Here are five early warning signs of high blood sugar levels.

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Tuesday, September 29, 2020

असहनीय दर्द देता है किडनी स्टोन, छुटाकारा पाने के लिए डाइट में शामिल करें ये खाद्य पदार्थ

किडनी में स्टोन यानी पथरी की कई वजहों से हो सकती है जैसे कि गलत लाइफस्टाइल (lifestyle), खाने की गलत आदतें या फिर साफ पानी और साफ चीजें न खाना. इस समस्या से छुटाकरा पाने के लिए न सिर्फ डॉक्टरी इलाज कराना बेहतर है. बल्कि खान-पान पर भी विशेष ध्यान रखना जरूरी है

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