एक मेडिकल स्टूडेंट होने के नाते लायब्रेरी में घंटों बैठना शामिल होता है। ऐसे में अगर आप होस्टल में रह रहे हैं तो सादा खाना कम और जंक फूड ज्यादा खाने लगते हैं। अहमदनगर, महाराष्ट्र में एमबीबीएस के थर्ड ईयर स्टूडेंट फरहान के साथ भी यही हुआ।
सैयद मोहम्मद फरहान इरफान डॉ. विट्ठल राव विखे पाटिल फाउंडेशंस मेडिकल कॉलेज एंड मेमोरियल हॉस्पिटल, अहमदनगर से एमबीबीएस कर रहे हैं। वे कहते हैं अगर आपके दोस्त भी खाने के शौकीन हो तो मेस के खराब खाने से बचने के लिए रोज ही बाहर का खाना खाने में आता है।
कभी-कभार बाहर का खाना तो अच्छा लगता है लेकिन अगर रोज ऐसा ही खाना आपकी आदत बन जाए तो आप खुद को थका हुआ और सुस्त महसूस करने लगते हैं। ऐसे में आपका वजन भी तेजी से बढ़ने लगता है।
ऐसा ही कुछ फरहान के साथ भी हुआ और उनका वजन 85 से 90 किलो हो गया। लॉकडाउन के दौरान 15 किलो वजन कम करने वाले फरहान ने अपनी वेट लॉस जर्नी खुद अपने शब्दों में कुछ इस तरह से बयां की। वे चाहते हैं उनके बारे में जानकर दूसरे लोग भी अपने वजन को नियंत्रित करना सीखें और सेहतमंद रहें :
एमबीबीएस की पढ़ाई के दौरान दिन-रात बस बैठे-बैठे पढ़ना और जब पढ़ाई से उठो तो खाना खाना। अब से कुछ महीनों पहले तक यही मेरा डेली रुटीन हुआ करता था। उन दिनों मेरा वजन लगभग 90 किलो हो गया था।
मेरे दोस्तों ने मुझे जिम जॉइन करने की सलाह दी। मैं जिम जाने लगा लेकिन वजन कम नहीं हुआ। तब मैंने नानावटी हॉस्पिटल, मुंबई की चीफ डाइटीशियन डॉ. उषा किरण सिसोदिया से कंसल्ट किया।
मैं ये भी जानता था कि उनके बताए डाइट चार्ट को मैं ज्यादा दिनों तक फॉलो नहीं कर पाऊंगा क्योंकि मैं खुद भी खाने का बहुत शौकीन हूं। मैं नॉनवेज खाए बिना नहीं रह सकता। ऐसे में डाइट प्लान फॉलो करना मेरे लिए मुश्किल था।
लेकिन डॉ. उषा किरण द्वारा बताया गया मेरा डाइट प्लान खाने में टेस्टी और हेल्दी था। जिस वजह से इसे फॉलो करना मेरे लिए आसान रहा। साथ ही मैंने साइकिलिंग और वॉकिंग की शुरुआत की।
वजन बढ़ने के दौरान मैंने ये महसूस किया कि जब आप मोटे होने लगते हैं तो आपका शारीरिक ही नहीं बल्कि मानसिक स्वास्थ्य भी प्रभावित होने लगता है। चाहे वजन कम करने और परफेक्ट शेप के लिए डाइटिंग और वर्कआउट जरूरी है लेकिन इससे भी जरूरी है आपका विल पावर मजबूत होना। एक बार में ज्यादा खाने के बजाय थोड़ी-थोड़ी देर में पौष्टिक भोजन जैसे सलाद या फल खाना जरूरी है।
अपना वजन कम करने का ख्याल मुझे तब आने लगा जब लोग मेरे वजन का मजाक उड़ाने लगे और मुझे वेट लॉस के लिए तरह-तरह की सलाह देने लगे। ऐसे में मैं अपने लिए जब भी नए कपड़े लेकर आता तो वे कपड़े हर बार मुझे टाइट लगते। धीरे-धीरे अपने वजन की वजह से मुझे फोटो खिंचवाने में भी शर्मिंदगी महसूस होने लगी।
उन्हीं दिनों मैने एमबीबीएस की पढ़ाई करते हुए ये जाना कि वजन बढ़ने के सेहत को क्या नुकसान हो सकते हैं। ऐसी कई बीमारियां हैं जो ज्यादा वजन की वजह से कम उम्र में ही घेरने लगती हैं। इन सब बातों को जानकर मैंने ये फैसला किया कि कुछ भी हो जाए मुझे अपना वजन कम करना ही है।
वजन कम करने के लिए सबसे ज्यादा जरूरी आपका समय और ऊर्जा दोनों देने की है। इसके अलावा सारी कोशिशों के साथ ही सब्र से काम लेना भी जरूरी है। जिन लोगों को लगता है कि वजन कम करने के लिए सर्जरी या जिम सप्लीमेंट जरूरी होते हैं, वे भी गलत हैं। इन दोनों चीजों के बिना भी आसानी से वेट लॉस किया जा सकता है।
मैंने फरवरी और मार्च में पूरे अनुशासन के साथ वजन कम करने की कवायद जारी रखी। उसके बाद रमजान के एक महीने इसे फॉलो नहीं कर पाया। लेकिन ईद के बाद मैंने फिर एक बार अपनी कोशिश की। इस तरह जुलाई तक मैंने 15 किलो वजन कम किया। मेरी वेट लॉस जर्नी अभी भी जारी है।
मुझे अपना वजन 68 किलो करना है। हालांकि वजन कम करने के लिए मैंने अपने खाने पर कंट्रोल किया लेकिन सीमित मात्रा में हर चीज खाई जैसे खाने में दो चपाती के साथ सब्जी। इसके अलावा बीच में भूख लगने पर सलाद, फल या चने में टमाटर और खीरा मिलाकर खाया। अगर सुबह नॉनवेज खा लिया है तो शाम को नहीं खाया। वजन कम करने के लिए रोज क्या खाना है, इससे ज्यादा जरूरी है कितना खाना है। मैंने इस बात का हमेशा ध्यान रखा।
इस समय जो लोग वर्क फ्रॉम होम कर रहे हैं, उनका वजन बढ़ने के अधिक चांस हैं क्योंकि दिन भर बैठकर कंप्यूटर या लैपटॉप के सामने काम करना और घर में रहते हुए ऑफिस के बजाय अधिक खाना। लेकिन यही वो वक्त है जब आप अपना वेट आसानी से कम कर सकते हैं। घर में रहते हुए भी एक साथ ज्यादा खाने के बजाय थोड़े-थोड़े अंतराल में कम खाना शुरू करें। साथ ही तली-भुनी चीजों से बचें।
इसके बजाय सलाद, फल या चने खाएं। ऐसे बहुत से लोग हैं जो यह समझते हैं कि एक बार वजन बढ़ गया तो इसे कम करना बहुत मुश्किल है। जबकि ऐसा नहीं है। वजन कम करने के लिए आपको एक अच्छे डाइटीशियन की जरूरत है। साथ ही एक्सरसाइज की भी। इस दौरान आप अपने लक्ष्य की ओर धीरे-धीरे बढ़ेंगे लेकिन कोशिश करते रहेंगे तो कामयाबी जरूर हासिल होगी।
डाइटिंग करना उस वक्त मेरे लिए मुश्किल हुआ जब मैं होस्टल से घर जाता था। इतने कम समय के लिए घर जाने पर घर में रोज ही खाने में कुछ खास बनता है। ऐसे में खुद को कंट्रोल करना कठिन था। लेकिन मैंने तय कर लिया था कि मुझे अपने डाइट चार्ट को हर हाल में फॉलो करना ही है।
जब मैंने अपने घर वालों को मेरे वेट लॉस प्लान के बारे में बताया तो उन्होंने मेरा साथ दिया और इस तरह मेरे मम्मी-पापा भी मेरे साथ डाइटिंग करने लगे। इसके अलावा मेरे दोस्तों ने जब वेट लॉस को लेकर मेरा जज्बा देखा तो उन्होंने भी मेरा साथ दिया।
अगर आप वेट लॉस करना चाहते हैं तो यह जान लें कि वजन कम करना एक बार का लक्ष्य नहीं है बल्कि लगातार की जाने वाली कोशिश है। ये तब सरल हो सकता है जब आप फ्राइड चीजों से दूर रहें। मीठा कम खाएं और कोल्ड ड्रिंक आदि पीने से परहेज करें। इसके साथ ही अपने वजन की नियमित रूप से जांच करते रहें ताकि आप वजन बढ़ते ही अपनी डाइट में बदलाव कर सकें और वजन नियंत्रित रहे।
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