FRONTLINE health staff could get a coronavirus vaccine by the end of the year before it is rolled out across the UK in early 2021. Britain has a tough few months ahead but there is "light at the end of the tunnel". Professor Jonathan Van-Tam, England's deputy chief medical officer, also revealed in private that the NHS is preparing to launch a vaccine shortly after Christmas.
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The festive season is here, which calls for endless celebrations. Navratri, one of the auspicious festivals celebrated by Hindus is dedicated to the nine avatars of Goddess Durga and her incarnations. On the 3rd day of Navratri, Durga is worshipped in the form of Chandraghanta and the colour is 'White'.
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Being a parent is a task, but it is also one of the greatest joys of life. While you may have had a rough time handling your parental duties and/or feeling guilty about not being able to live up to your child’s expectations, it is completely okay to cut yourself some slacks. Besides that, how you are as a parent has a lot to do with the kind of person you are in general.
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As the festival of Maa Durga is approaching, the members of North Bombay Sarbojanin Durga Puja Samiti are all set to go the virtual way amid the Covid-19 pandemic. The members have decided to take their puja to the people through live streaming and social media through cell phones and laptops. They are concerned that with crowded pandals many may get infected by the deadly virus.
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हम एक कठिन दौर से गुजर रहे हैं और सही कारणों से कोविड-19 इस समय मुख्य मुद्दा बन चुका है। हालांकि यह ध्यान देना अनिवार्य है कि हृदय वाहिका रोग (सीवीडी) से पीड़ित रोगी दोहरे खतरे का सामना कर रहे हैं। उन्हें न केवल वायरस से पीड़ित होने का अधिक जोखिम है बल्कि उन्हें अपने हृदय के चल रहे उपचार को प्राप्त करने से भी डर सकते हैं ।
हर वर्ष 29 सितम्बर को मनाए जाने वाले विश्व हृदय दिवस के अवसर पर मेदांता हॉस्पिटल, गुड़गांव में इंटरवेंशनल कार्डियोलॉजी के अध्यक्ष एवं हृद्य रोग विशेषज्ञ डॉ. प्रवीण चंद्रा सीवीडी से पीड़ित रोगियों, विशेषकर साइलेंट हृदय रोगों जिनसे रोगी पीड़ित होता है परंतु उसे इसके बारे में जानकारी नहीं होती है, उनके लिए अपने विचार और परामर्श साझा करते हैं।
सिवियर एओरटिक स्टेनोसिस (एएस) ऐसा ही एक हृदय रोग है जोकि बुजुर्गों में अधिक सामान्य होता है। आंकड़ों के अनुसार, 75 वर्ष की आयु से अधिक प्रत्येक 8 व्यक्तियों में से 1 एएस से पीड़ित होता है।1
भारत और अन्य एशियाई देशों में इस तथ्य को देखते हुए यह आंकड़ा अलग हो सकता है कि हमारी औसत जीवन अवधि काफी कम है और यहां कम आयु के रोगी इस घातक रोग से पीड़ित होते हैं। एएस आपके पूरे शरीर में रक्त को आसानी से प्रवाहित होने से रोकता है। हृदय को आपके पूरे शरीर में रक्त को पम्प करने के लिए अधिक मेहनत करनी पड़ती है। लगभग 1/3 पीड़ित रोगियों को असुविधाजनक लक्षण जैसे सांस फूलना और थकान होना महसूस हो सकते हैं क्योंकि उनका हृदय कमजोर हो जाता है।2 दुर्भाग्यवश, कई रोगियों में जब तक इसका पता चलता है तब तक यह रोग एडवांस्ड स्टेज तक पहुंच चुका होता है।
जिन रोगियों में सिवियर एओरटिक स्टेनोसिस के लक्षण होते हैं और यदि वे उनके एओरटिक वाल्व को नहीं बदलवाते हैं तो उनमें से 50% तक की औसतन दो वर्ष में मृत्यु हो जाती है।2 यह जानना भी आवश्यक है कि इस रोग को दवाई से न तो रोका जा सकता है और न ही इसका उपचार किया जा सकता है, इनसे केवल लक्षणों का ही उपचार हो सकता है। सिवियर एओरटिक स्टेनोसिस का उपचार करने के लिए ओपन हार्ट सर्जरी ही एकमात्र विकल्प नहीं है। एओरटिक वाल्व को बदलने के लिए ट्रांसकैथीटर एओरटिक वाल्व प्रतिस्थापन (टीएवीआर) एक कम चीर-फाड़ वाला विकल्प है।
ग्रोइन में एक छोटा सा चीरा लगाया जाता है और डिलिवरी सिस्टम का प्रयोग करते हुए शरीर में एक वाल्व को अंदर डाला जाता है, वाल्व को उपयुक्त स्थान पर लाया जाता है और उसे रोगग्रस्त एओरटिक वाल्व में प्रतिरोपित किया जाता है। इस पूरी प्रक्रिया में 1 से 2 घंटे का समय लगता है। रोगी को सामान्यत: लगभग 2 से 3 दिन के अंदर अस्पताल से छुट्टी दे दी जाती है और वह उसकी स्थिति तथा स्वास्थ्य-सुधार की गति के आधार पर अपनी दैनिक गतिविधियों को पुन: आरंभ कर सकता है।
छवि स्रोत : मेडट्रोनिक
हालांकि यह मानव स्वभाव है कि लक्षणों को नजरअंदाज करें जब तक कोई आपात स्थिति न बन जाए । यदि आशंका हो तो, आप आवश्यक स्वास्थ्य उपचार प्राप्त करने में देरी न करें। घर पर रहना हमेशा सुरक्षित विकल्प नहीं होता है, विशेषकर आपके हृदय के लिए।