
TAURUS is an Earth sign that is represented by the Bull which has many meanings for a Taurus. What does this mean for this zodiac sign?
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अमेरिकी फार्मा कम्पनी मॉडर्मा ने वैक्सीन के पहले और दूसरे चरण का ट्रायल पूरा कर लिया है। अगला ट्रायल इसी महीने 30 हजार कोरोना पीड़ितों पर किया जाएगा। सिएटल के इयान हेडन ऐसे पहले शख्स हैं जिन पर मॉडर्मा की वैक्सीन का सबसे पहला ट्रायल किया गया। ट्रायल में 45 लोग शामिल थे। पहले चरण केट्रायल के दौरान इयान किसस्थिति गुजरे, उन्हें कैसा महसूस हुआ उन्होंने इसे साझा किया। उनके ट्रायल की कहानी, उनकी जुबानी...
"पहले चरण के ट्रायल में सबसे पहले वैक्सीन मुझे दी गई। ऐसीवैक्सीन पहले कभी इंसानों को नहीं दी गई थी। यह मामलाट्रायल एंड एरर जैसा था। पहले महीने मेरा अनुभव काफी अलग रहा है। मैं सिएटेल बायोटेक इंस्टीट्यूट में काम करता हूं। जॉब के दौरान वैक्सीन के बारे में काफी कुछ मालूम था। कलीग ने मेरे साथ एक फार्म साझा किया और ट्रायल प्रोग्राम में शामिल होने की बात कही।
कम्पनी को18 से 55 साल के लोगों की तलाश थी। मैं मैराथन रनर हूं इसलिए बिना सोचे फॉर्म भर दिया। कम्पनी की तरफ से कॉल आया और हेल्थ चेकअप के लिए पहुंचा। सिलेक्शन के बाद बताया गया कि 28 दिन के अंतराल पर मुझे वैक्सीन की दो डोज दी जाएंगी। मेरी ब्लड रिपोर्ट आने के बाद उन्होंने कहा, तुम्हारी हालत बिगड़ सकती है। ऐसे खतरे में पड़ सकते हो, जिसे बताया नहीं जा सकता है।
यह सुनते ही मैंने अपने परिजन और गर्लफ्रेंड से बात की। उस दौरान सिएटल में महामारी तेजी से बढ़ रही थी। 1918 में आई फ्लू महामारी में मेरे परदादा की मौत हो चुकी है। यह सब समझने के बाद मैंने वैज्ञानिकों पर विश्वास रखा और प्रयोग के लिए तैयार हुआ।
मुझे सुई से डर लगता है लेकिन मैंने मन को भटकाने के लिए डॉक्टर्स और नर्स से बात की। इस दौरान शरीर में वैक्सीन पहुंची। शुरू के कुछ घंटे तक मुझे यह फ्लू के टीके जैसा लगा। उन्होंने मुझे थर्मामीटर दिया और शरीर का तापमान बार-बार चेक करते रहने को कहा। लक्षणों को डायरी में लिखने की बात कही।
सब कुछ सामान्य रहा और 28 दिन बाद मैं दूसरा डोज लेने पहुंचा।इस बार अनुभव पहले जैसा नहीं था। शरीर में बदलाव की शुरुआत पहले ही घंटे में हुई और हाथों में दर्द शुरू हुआ। रात में सोने की तैयारी कर रहा था लेकिन अचानक कंपकंपी छूटने लगी। पजामा पहनते वक्त मैं कांप रहा था। मैं सारी रात जागता रहा और धीरे-धीरे कई लक्षण दिखने शुरू हुए। सिर में और मांसपेशियों में तेज दर्द शुरू हुआ। बुखार बढ़ता गया और शरीर का तापमान 103 डिग्री सेल्सियस पहुंच गया।
ट्रायल प्रशासन की तरफ से मुझे 24 घंटे की इमरमजेंसी कॉलिंग सुविधा दी गई थी। सुबह 4 बजे वैक्सीन प्रोग्राम में शामिल डॉक्टर को फोन किया गया। मुझे हॉस्पिटल ले जाया गया और ड्रिप चढ़ाई गई। डॉक्टर ने चेकअप कियातो पता चला कि वैक्सीन के हाईडोज के कारण शरीर में इम्यून रिएक्शन हो गया है।धीरे-धीरे बुखार उतरा। मैं घर लौटा और दोपहर तक सोया। उठने के बाद अजीब सामहसूस हुआ, हालांकि अगले दिन सुबह सब कुछ सामान्य रहा।"