अमेरिकी वैज्ञानिकों ने ऐसा मास्क तैयार किया है जिस पर एंटी-वायरल लेयर है। वैज्ञानिकों का दावा है कि यह मास्क कोरोनावायरस को बेअसर कर सकता है और संक्रमण का खतरा घटाता है। एंटीवायरल लेयर वाला मास्क तैयार करने वाली अमेरिका की नॉर्थ-वेस्टर्न यूनिवर्सिटी का कहना है, लैब में सांस लेने, छोड़ने, खांसी और छींकने के दौरान यह पाया गया कि नॉन-वोवेन फैब्रिक सबसे बेहतर कपड़ा है।
ऐसे तैयार किया एंटीवायरल लेयर वाला मास्क
वैज्ञानिकों ने मास्क को तैयार करने के लिए नॉन-वोवेन फैब्रिक का इस्तेमाल किया। इस पर ऐसे केमिकल की लेयर चढ़ाई गई है जो सांस बाहर छोड़ते समय ड्रॉप्लेट्स को सैनेटाइज करता है। ऐसा होने पर संक्रमित रेस्पिरेट्री ड्रॉपलेट्स बाहर हवा में नहीं फैलते। मास्क पर लेयर चढ़ाने के लिए फॉस्फोरिक एसिड और कॉपर साल्ट का प्रयोग किया गया है।
इसलिए मास्क में इस्तेमाल केमिकल असरदार
वैज्ञानिकों के मुताबिक, इन रसायनों को एंटी-वायरल कहा जाता है। ये नॉन-वोलाटाइल होने के कारण उड़ते (वाष्पीकरण) नहीं हैं। रिसर्चर जियाजिंग हुआंग कहते हैं, वायरस बेहद बारीक और नाजुक है। कहीं से भी इस पर बुरा असर पड़ता है तो यह अपनी संक्रमित करने की क्षमता को खो सकता है
मास्क रेस्पिरेट्री ड्रॉप्लेट्स को 82% तक सैनेटाइज करता है
मैटर जर्नल में पब्लिश हुई रिसर्च कहती है, एंटी-वायरल लेयर मास्क रेस्पिरेट्री ड्रॉप्लेट्स को 82 फीसदी तक सैनेटाइज करते हैं। नॉन-वोवेन फैब्रिक से बने मास्क से सांस लेने में तकलीफ नहीं होती। रिसर्चर जियाजिंग हुआंग कहते हैं, महामारी से लड़ने और खुद को सुरक्षित रखने के लिए मास्क सबसे जरूरी हिस्सा है।
हुआंग कहते हैं, रिसर्च के दौरान मैंने पाया कि मास्क केवल लगाने वाले को सुरक्षित नहीं रखता बल्कि दूसरों को ड्रॉप्लेट्स से होने वाले संक्रमण से भी बचाने का काम करता है। नया एंटी-वायरल लेयर मास्क मुंह से बाहर निकलने वाले ड्रॉप्लेट्स को ब्लॉक करता है। अगर ये ड्रॉप्लेट्स मास्क से निकलकर बाहर जाते हैं तो सतह पर जाकर टिक जाते हैं या दूसरे को संक्रमित करने का काम करते है।
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