अमेरिका में डेंगू को खत्म करने के लिए मच्छर ही मच्छर से लड़ेंगे। अमेरिका के फ्लोरिडा में 75 करोड़ जेनेटिकली मोडिफाइड मच्छर छोड़े जाएंगे। इस पहल का लक्ष्य है स्थानीय स्तर पर डेंगू और जीका वायरस का खतरा फैलाने वाले मच्छरों की संख्या को घटाना। कई सालों में पर्यावरण विशेषज्ञों के बीच यह बहस का विषय रहा है कि मच्छरों को छोड़ने पर अगर स्थिति बिगड़ती है तो जिम्मेदार कौन होगा। फिलहाल इस पायलट प्रोजेक्ट को हरी झंडी मिल चुकी है।
5 पाइंट : मच्छर को कैसे मारेगा मच्छर, ऐसे समझें
#1) क्या होते हैं जेनेटिकली मोडिफाडइ मच्छर?
लैब में खास तरह के नर मच्छर तैयार किए जाते हैं, इनमें एक विशेष प्रोटीन होता है। इसे जेनेटिकली मोडिफाइड मच्छर कहते हैं। नर मच्छर कभी भी बीमारी की वजह नहीं बनता है क्योंकि यह इंसानों को नहीं काटता है। यह भोजन के लिए फूलों के रस पर निर्भर रहता है। इंसानों को काटने और जानलेवा बीमारियां फैलाने का काम मादा मच्छर करती है।
#2) कैसे काम करेगा जेनेटिकली मोडिफाडइ मच्छर?
जेनेटिकली मोडिफाइड मच्छर को उन जगहों पर छोड़ा जाएगा जहां पहले से मच्छरों की संख्या ज्यादा है। जेनेटिकली मोडिफाइड मच्छर मादा मच्छरों के साथ ब्रीडिंग करेगा। मोडिफाइड नर मच्छर में खास तरह का प्रोटीन होगा जो ब्रीडिंग के दौरान मादा में पहुंचेगा। इसके कारण नए पैदा होने वाले मादा मच्छर इंसानों को काटने की उम्र तक पहुंचने से पहले मर जाएंगे। नर मच्छर का जीन अगली पीढ़ी में पहुंचेगा और धीरे-धीरे मादा मच्छरों की संख्या घटेगी। कुछ समय बाद इंसानों में डेंगू, जीका, चिकनगुनिया जैसी बीमारियों का आंकड़ा भी घटेगा।
#3) फ्लोरिडा में यह प्रोजेक्ट कैसे चलाया जाएगा?
मई में अमेरिकी एनवॉयर्नमेंटल एजेंसी ने ब्रिटिश कम्पनी ऑक्सीटेक को जेनेटिकली मोडिफाइड मच्छर तैयार करने की अनुमति दी थी। लैब में मेल एडीज इजिप्टी मच्छर तैयार किए जाएंगे, इनका नाम OX5034 रखा गया है। इन्हें 2021 में फ्लोरिडा के एक आइलैंड पर रिलीज किया जाएगा। दो साल की अवधि में कुल 75 करोड़ मच्छर छोड़े जाएंगे।
#4) इस मामले में उठ रहा विवाद क्या है??
सामाजिक कार्यकर्ताओं में इसे लेकर अलग-अलग राय है। एक समूह का कहना है, लोगों के बीच ऐसा करना एकदम जुरासिक पार्क का प्रयोग करने जैसा है। वहीं, दूसरे समूह का कहना है कि ऐसा मच्छर जिन पर कीटनाशक का असर नहीं होता है, उसे पर्यावरण में छोड़ने पर इकोसिस्टम डैमेज हो सकता है।
पायलट प्रोजेक्ट चलाने वाली कम्पनी ऑक्सीटेक के लोगों का कहना है कि ऐसा करने पर इंसान और पर्यावरण दोनों को किसी तरह का कोई नुकसान नहीं होगा। सरकार की ओर से हुई रिसर्च में यह बात सामने भी आई है।
कम्पनी का कहना है कि इस पर ब्राजील में रिसर्च भी हो चुकी है, जिसके नतीजे सकारात्मक रहे हैं। फ्लोरिडा के अलावा टेक्सास में भी 2021 में इस प्रोजेक्ट को शुरू करने की योजना बनाई जा रही है।
ऑक्सीटेक कम्पनी के वैज्ञानिकों के मुताबिक, पिछले कुछ सालों में हम ऐसे 10 लाख जेनेटिकली मोडिफाइड मच्छर रिलीज कर चुके हैं। अब तक कोई खतरा या नुकसान होने की बात सामने नहीं आई है।
#5) ऐसी नौबत क्यों आई ?
दक्षिणी फ्लोरिडा में मच्छरों का आतंक बढ़ रहा है। खासतौर पर शहरी क्षेत्रों में पूल और तालाब में इनकी संख्या बढ़ रही है। इन पर कीटनाशक का असर भी नहीं हो रहा है। इसलिए इस प्रोजेक्ट को शुरू करने की योजना बनाई गई है।
Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today
from Dainik Bhaskar https://ift.tt/329BSB6
https://ift.tt/3hcsfbb
No comments:
Post a Comment
Thanks